ताजमहल, नाम सुनते ही उसकी खूबसूरती और इतिहास से जुड़ी कहानियां मन में आने लगती हैं. ताजमहल इतना खूबसूरत है कि लोग इसे देखने के लिए दूर-दूर से आते हैं. इस इमारत के 22 कमरों को खुलवाने और इमारत के इतिहास की पुष्टि के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. इसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. बता दें कि ताजमहल के ये 22 कई दशकों से बंद हैं. इतिहासविदों के अनुसार कहा जाता है कि मुख्य मकबरे और चमेली फर्श के नीचे 22 कमरे हैं, जो अभी तक बंद हैं. ये कमरे मुगल काल से बंद हैं. तो चलिए आजतक के मुताबिक, जानते हैं कि ताजमहल की खूबसूरती की चर्चा पूरी दुनिया में आखिर क्यों है.

खूबसूरत है इमारत

ताजमहल उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में है. यह 42 एकड़ में फैले मुगल गार्डन के अंदर है. यमुना किनारे बसे इस इमारत को मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज महल के लिए बनवाया था. इमारत का कंस्ट्रक्शन साल 1632 में शुरू हुआ था और 1648 में पूरा हो गया. ताजमहल का बाहरी कोर्टयार्ड और इसका विहार बाद में बनाया गया था. यह साल 1653 में बनकर पूरा हुआ था.

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अलग-अलग राज्यों के कारीगर आए थे

यह बात तो हम सभी जानते हैं कि ताजमहल की नक्काशी कितनी बेहतरीन है. ताजमहल को बनाने के लिए राज्य के अलग-अलग इलाकों से कारीगर आए थे. यहां तक कि मध्य एशिया और ईरान के भी कारीगरों ने हाथ बंटाया था. ताजमहल के मेन आर्किटेक्ट उस्ताद अहमत लाहौरी थे. ताजमहल की खूबसूरती में सॉलिड्स और वॉइड्स, कॉनकेव और कॉन्वेक्स और लाइट शैडो चार चांद लगाते हैं.

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बेहद खूबसूरत स्टोन से की गई कारीगरी

ताजमहल की यूनिकनेस कुछ अनोखे इनोवेशन्स की वजह से उभर कर आती है. इसका श्रेय बागवानी के प्लानर्स और शाहजहां के आर्किटेक्ट्स को जाता है. चतुर्भुज गार्डन के एक किनारे पर टॉम्ब की वजह से भी इस इमारत को एक नया लुक मिलता है. बिल्डिंग में रेड स्टोन्स के साथ ब्रिक-इन-लाइम मोर्टर मंडित हैं. इसमें कीमती स्टोन्स जड़े हुए हैं.

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