आज के समय में पार्किसंस बीमारी (Parkinson Disease) एक बड़ी गंभीर समस्या के रूप में उभर के सामने आ रही है. इस बीमारी का पता लगाना अपने आप में एक बड़ी चुनौती है. क्योंकि इस बीमारी के लक्षण का पता व्यक्ति को काफी देरी से चलता है. हालांकि अब पार्किंसंस बीमारी की पहचान आसानी से की जा सकती है. मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के इंजीनियरों ने इसे ट्रैक करने का एक तरीका खोज लिया है.

दरअसल, इंजीनियरों ने एक इन-होम डिवाइस डिजाइन किया है. जिसकी मदद से आसानी से इस पार्किसंस बीमारी के बारे में पता लगाया जा सकेगा. वहीं आपको बता दें कि इसको बनाने वाले इंजीनियरों का दावा है कि घर पर ही इस डिवाइस का इस्तेमाल कर के इस बीमारी के लक्षण डिटेक्ट किए जा सकेंगे.

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कैसे काम करता है डिवाइस

यह डिवाइस मरीज की गति और चाल की निगरानी करता है, जिसकी मदद से पार्किसंस बीमारी के लक्षण से लेकर उसकी गंभीरता तक का आइडिया आराम से लगाया जा सकता है. वाईफाई राउटर जैसा नजर आने वाला यह डिवाइस, जो रेडियो सिग्नल का उपयोग करके डेटा एकत्र करता है . इसे घर में किसी भी जगह आसानी से माउंट किया जा सकता है. इसके बाद यह डिवाइस व्यक्ति की चाल की गति को ट्रेक करने का काम करता है. जिसके चलते मरीज में पार्किसंस बीमारी की पुष्टि की जा सकती है.

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पार्किसंस बीमारी क्या होती है 

पार्किंसंस एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो कि सीधे हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है. इस बीमारी की चपेट में आने वाले मरीजों को शरीर का बैलेंस बनाने और चलने -फिरने में दिक्कत महसूस होती है. आपको बता दें कि इस बीमारी का कोई सटीक इलाज उपलब्ध नहीं है. हालांकि इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है.

टीवी9 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजिंग के अनुसार, पार्किंसंस रोग, एक मस्तिष्क विकार है, इस बीमारी के चलते मरीज की मानसिक स्थिति गड़बड़ हो जाती है. ऐसे में मरीज के द्वारा बड़बड़ाना, अजीब सी हरकतें करना, नींद की समस्या, अवसाद, बार बार चीजों का भूल जाना, थकान जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.