लगातार कंप्यूटर, मोबाइल, लैपटॉप, टीवी पर आंखें गड़ाए रहने से आंखों से जुड़ी कई समस्याएं आज लोगों में बढ़ती जा रही हैं. उन्हीं में से एक है ड्राई आई (Dry Eye Syndrome) की समस्या, जिससे अधिकतर लोग आज परेशान हैं. ड्राई आई सिंड्रोम में व्यक्ति की आंखों में सूखापन सा अहसास होने लगता है. यह समस्या तब होती है, जब आंखों में आंसू बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है.
हालांकि, ड्राई आई होने पर आंखों की रोशनी (Eye Sight) संबंधित कोई समस्या नहीं होती है. एक-दो दशक पहले तक ड्राई आइज की समस्या को उम्र के साथ होने वाली परेशानी मानी जाती थी हालांकि आंखों के लिए नुकसानदायक कई चीजों के बढ़े हुए चलन के कारण बहुत ही कम उम्र के बच्चे भी इस समस्या से ग्रसित पाए जा रहे हैं.
आंखों का सूखापन (Dry Eyes) ऐसी स्थिति है जिसमें आंसू से आंखों को पर्याप्त मात्रा में मॉस्चराइज (Moisturize) प्राप्त नहीं हो पाता है . आंखों में पर्याप्त मात्रा में आंसू का उत्पादन न होने या खराब गुणवत्ता वाले आंसू के कारण इसका खतरा बढ़ जाता है. ड्राई आइज के कारण असहजता महसूस होती है और आंखों में चुभन और जलन की दिक्कत बनी रहती है. आंसू, हमारी आंखों की सतह को संक्रमण से भी बचाते हैं.
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आंखों में सूखापन की समस्या क्यों होती है
आंसू के फिल्म की तीन परतें होती हैं, फैटी ऑयल, जलीय द्रव और म्यूकस. यह संयोजन आम तौर पर आपकी आंखों की सतह को चिकना और साफ रखने में सहायक होती है. इनमें से किसी भी परत की समस्या के कारण आंखों में सूखापन हो सकती है.
आंसू का उत्पादन कई स्थितियों में प्रभावित हो सकता है. उम्र के साथ यह समस्या सामान्य मानी जाती रही है. इसके अलावा कॉन्टैक्ट लेंस के उपयोग, तंत्रिका संबंधी समस्या या लेजर आई सर्जरी का बाद यह समस्या बढ़ सकती है.
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ड्राई आइज के लक्षण
आपकी आंखों में चुभन, जलन या खरोंच जैसा अहसास हो सकता है.
आंखों के अंदर या आसपास कठोर बलगम होना.
रोशनी के प्रति संवेदनशीलता.
आंखें लाल हो जाना, आंखों में कुछ होने का अहसास.
कॉन्टैक्ट लेंस पहनने में परेशानी होना.
रात के समय ड्राइविंग करने में परेशानी होना.
आंखों से पानी आना, जो ड्राई आंखों की जलन के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया होती है.
सोकर उठने से आंखों की पलकों का चिपकना.
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ड्राई आई दूर करने के उपाय
हवा या गर्म हवा से आंखों को बचाए रखने के लिए रैपअराउंड ग्लासेज पहनें. टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर देखते समय पलकों को जल्दी-जल्दी झपकाएं. धूम्रपान का सेवन कम करें, जो लोग स्मोकिंग कर रहे हों, वहां खड़े ना रहें.
कमरे का तापमान सामान्य बनाए रखें. आर्टिफिशिलय टियर्स और आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें. आंखों की साफ-सफाई का ध्यान रखें. हेल्दी डाइट लें, जिसमें ओमेगा-3 और 6 फैटी एसिड्स शामिल करें. अखरोट, अलसी का बीज, फिश ऑयल, सोयाबीन्स, जैतून का तेल, कद्दू के बीज आदि का सेवन करें.
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डिस्क्लेमर: ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह लें.