Brain Fog: देश में कोविड-19 (Covid-19) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसके चलते लोग एक बार फिर से ब्रेन फॉग (Brain Fog) होने की शिकायत कर रहे हैं. लोगों ने पहले कोरोनावायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर के दौरान भी ऐसी ही शिकायत दर्ज की थी. ब्रेन फॉग एक ऐसी स्थिति है, जिसमें मस्तिष्क की सोचने की क्षमता कम हो जाती है. अगर आपको ध्यान हो तो कोरोना की दूसरी लहर के बाद कुछ रोगियों को चीजों को भूलने की शिकायत दर्ज की थी. इस पर निष्कर्ष निकाला गया कि ये कोरोना के कारण हो सकता है क्योंकि उनके मस्तिष्क में न्यूरोलॉजिकल परिवर्तन थे. इसके परिणामस्वरूप न्यूरोट्रांसमीटर धीमे वर्क करता था.

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वहीं, अब कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन फ्रांसिस्को (UCSF) की रिसर्च टीम ने हाल ही में एक अध्ययन किया था. उसके अनुसार ये निष्कर्ष निकला कि रीढ़ की हड्डी के स्पाइनल फ्लूइड पर वायरस (Virus) के प्रभाव के कारण ये हो सकता है. शोधकर्ताओं का दावा है कि कुछ सूजन कोरोना वायरस के प्रति प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के परिणामस्वरूप हुई है.

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UCSF मेमोरी एंड एजिंग सेंटर के अध्ययन और शोधकर्ताओं के वरिष्ठ लेखक डॉ जोआना हेलमुथ ने कहा, “यह संभव है कि वायरस द्वारा प्रेरित प्रतिरक्षा प्रणाली, शायद एक अनपेक्षित रोग संबंधी तरीके से काम कर रही हो.” डॉक्टरों का कहना है कि ब्रेन फॉग मेनिन्जाइटिस, इन्सेफेलाइटिस, दौरे, स्ट्रोक, कम शुगर या कम ऑक्सीजन की वजह से भी हो सकता है. कुछ लोगों के लिए ब्रेन फॉग का अनुभव हानिकारक साबित हो सकता है क्योंकि, वे उपयोगी जानकारी को भूल सकते हैं और ध्यान केंद्रित रहने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

(नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.)

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