अक्सर हवाई जहाज में बैठकर या उसे देखकर हमारे मन में कई सवाल आते है. उनमें से एक सवाल ये भी है कि अगर आसमान में उड़ते हुए एरोप्लेन का शीशा टूट जाता है, तब क्या होता है? सुनने में यह थोड़ा अजीब है, लेकिन यह घटनाएं पहले भी हुई हैं. जब हवाई जहाज का इंजन ब्लास्ट होने के कारण इंजन का कोई टुकड़ा खिड़की से आकर लग जाता है और खिड़की का शीशा टूट जाता है. हालांकि ऐसा बहुत ही कम होता है. तो चलिए जानते हैं नवभारत टाइम्स के मुताबिक, इस सवाल का जवाब क्या है.

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एयरप्लेन का शीशा टूट जाए तो क्या होगा?

हवाई जहाज की खिड़की का शीशा टूटने पर एयरप्लेन का अंदर का दबाव बाहर की ओर जाने लगता है. इस दौरान जहाज के अंदर बैठे लोगों के लिए हवा का दबाव कम हो जाता है. खिड़की टूटने पर अंदर की सारी हवा बाहर की ओर निकलने लगती है और इस वजह से लोगों के लिए ऑक्सीजन की कमी हो जाती है.

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उस दौरान हवाई जहाज भी अपनी गति में होता है, ऐसे में खिड़की के पास वैक्यूम बनने लगता है, जिससे अंदर बैठे लोगों का झुकाव बाहर की तरफ बढ़ने लगता है. ऐसे में पायलेट ऊंचाई कम करता है और पास के हवाई अड्डे पर एमर्जेंसी लैंडिंग करवाते हैं.

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ऐसा क्यों होता है?

अगर आप ये सोच रहे हैं कि खिड़कियां ऐसे कैसे टूट जाती हैं, तो ऐसी दुर्घटनाएं बहुत ही कम देखने को मिलती है. ऐसा कई कारणों से हो सकता है जैसे उड़ता हुआ पक्षी सामने आ जाना, इंजन का ब्लास्ट होकर उसके टुकड़े शीशे से टकरा जाना, खिड़की की फिटिंग सही न होने की वजह से भी ये घटना हो सकती है. इससे बचने के लिए पायलेट केवल एमर्जेंसी लैंडिंग करवाते हैं और यात्रियों को बचाने की कोशिश करते हैं.

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