देश में ऐसी कई जगहें, जो रोमांच के लिए बेहद मशहूर हैं. कुछ लोगों को ट्रेवल करना बेहद पसंद होता है. देश में कुछ ऐसे टूरिस्ट प्लेस हैं, जो अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर हैं. हम बात कर रहे हैं ग्वालियर के किले की, जो शानदार पर्यटन स्थल है. शहर के केंद्र से लगभग 4 किमी की दूरी पर स्थित ग्वालियर किले का निर्माण 8वीं शताब्दी में किया गया था. किले में कई ऐतिहासिक स्मारक , बुद्ध, जैन मंदिर और महल मौजूद हैं. आपने ग्वालियर के किले के बारे में बहुत कुछ सुना होगा, लेकिन हम आपको इससे जुड़े रोचक तथ्य बताएंगे.

जीरो का सबसे पुराना रिकॉर्ड

किले में एक मंदिर है, जहां लोग दूर-दूर से आते हैं. यह किले के टॉप पर बना हुआ है और इसमें मौजूद कई पत्थर हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन पत्थरों पर जीरो यानि शून्य का चिन्ह देखा गया है.

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साधुओं का जुड़ाव

इतिहास की मानें, तो राजा सूर्यसेन कुष्ठ रोग से पीडि़त था. उस समय ग्वालिपा नाम के एक ऋषि ने उन्हें एक पवित्र तालाब से पानी लाकर दिया था. इस पानी से राजा ठीक हो गया था, तभी से किले से साधुओं का जुड़ाव है.

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रानी लक्ष्मी के बारे में

ग्वालियर किला झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान का भी गवाह रहा है. इस किले को तेली भी कहा जाता है. इसे तेली का मंदिर इसलिए कहते हैं, क्योंकि यहां पहले भगवांन विष्णु का मंदिर बनाया गया था, जिसे बाद में शिव मंदिर के रूप में तब्दील कर दिया गया.

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सास बहू मंदिर

किले में कई मंदिर हैं, उन्हीं में से एक है सास बहू मंदिर. 9वीं शताब्दी में शाही सास और बहू के बीच विवाद हुआ कि किस देवता की पूजा करनी चाहिए. इसी लिए यह अनोखा मंदिर बनाया गया था, जिसमें भगवान विष्णु और शिव दोनों की पूरी जाती है.

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