हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के पास मनाली में स्थित हिडिंबा देवी मंदिर है, जिसका इतिहास पांडवों से जुड़ा हुआ है. मनाली में घूमते हुए आपने जरूर इस मंदिर को देखा होगा और थोड़ा बहुत ही इस मंदिर के बारे में जानते होंगे. आज हम आपको इस मंदिर के इतिहास से रूबरू कराने वाले हैं. आपको बता दें, हिडिंबा देवी मंदिर एक प्राचीन गुफा मंदिर है, जो भारतीय महाकाव्य महाभारत के भीम की पत्नी हिडिंबा देवी को समर्पित है. 

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ये मंदिर मनाली का सबसे लोकप्रिय मंदिर है, जिसे ढुंगरी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. चलिए आपको इस मंदिर के बारे में कुछ दिलचस्प बातें बताते हैं.

अनोखा है हिडिम्बा मंदिर का इतिहास

पुरानी कथाओं के अनुसार, भीम और पांडव मनाली से जब जा रहे हैं, तब उन्होंने हिडिंबा को राज्य संभालने की जिम्मेदारी थी. एक और कथा के अनुसार, जब हिडिम्बा का बेटा घटोत्कच बड़ा हुआ है, उन्हें राज्य की देखभाल का जिम्मा देकर, हिडिम्बा जंगल में ध्यान करने चली गई. कई साल बाद उनकी प्रार्थना सफल हुई और देवी को गौरव प्राप्त हुआ.

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हिडिंबा देवी मंदिर के बारे में अन्य रोचक बातें

हिडिम्बा देवी मंदिर की पहली खासियत यही है कि मंदिर को पैगोडा शैली में बनाया गया है, जिसकी वजह से ये सामान्य मंदिरों से काफी अलग है. ये मंदिर लड़की से बनाया है और इसमें चार छतें हैं. हिडिम्बा देवी मंदिर 40 मीटर ऊंचे शंकु के आकार का है और मंदिर की दीवारें पत्थरों से निर्मित हैं. मंदिर के दीवारों पर खूबसूरत नक्काशी भी हो रखी है. मंदिर में एक लड़की का दरवाजा भी है, जिसके ऊपर देवी, जानवरों आदि की छोटी-छोटी पेंटिंग है.

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होता है बड़ा महोत्सव

हर साल यहां बहुत बड़ा महोत्सव किया जाता है. श्रावण के महीने में इस मंदिर के पास उत्सव का आयोजन अच्छे से होता है. कहते हैं कि इस उत्सव को राजा बहादुर सिंह की याद में मनाया जाता है. कहा जाता है कि ये मेला धान की रोपाई पूरी होने की बाद लगाया जाता है. स्थानीय लोगों के अनुसार, मंदिर को 500 साल पुराना है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.