उत्तराखंड अपनी दिव्यता के लिए जाना जाता है, जो आध्यात्मिक टूरिज्म के सार को एक सही मायने में समेटे हुए हैं. पौराणिक महत्व के मंदिरों से लेकर ऐतिहासिक महत्व तक राज्य में आपको हर समय के मंदिर देखने को मिल जाएंगे. अगर आप भी उत्तराखंड घूमने के लिए जा रहे हैं, तो इन मंदिरों को भी अपनी लिस्ट में शामिल कर लें. ये मंदिर दिखने में आज भी बिल्कुल वैसे ही हैं और काफी दिलचस्प कहानी हैं.

लाखमंडल

स्थानीय रूप से ‘लक्षेश्वर’ के रूप में प्रसिद्ध, लाखमंडल देहरादून जिले के जौनसार-बावर क्षेत्र में 12 वीं-13 वीं शताब्दी के बीच निर्मित एक हिंदू मंदिर परिसर है. मंदिर वास्तुकला की नागर शैली का दावा करता है और भगवान शिव को समर्पित है.

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तुंगनाथ मंदिर – Tungnath Temple

यह पवित्र मंदिर 1000 साल पुराना माना जाता है और इसकी खोज गुरु आदि शंकराचार्य ने की थी. मंदिर उत्तर भारतीय मंदिर की वास्तुकला होने का दावा करता है जो गुप्तकाशी, केदारनाथ और मध्यमहेश्वर में स्थित मंदिरों के समान है.

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बालेश्वर मंदिर चंपावत

चंपावत में बालेश्वर मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. इतिहास बताता है कि बालेश्वर मंदिर का निर्माण चंद राजवंश के शुरुआती राजाओं ने करवाया था. मंदिर की छत पर की गई जटिल पत्थर की नक्काशी के साथ दक्षिण भारतीय वास्तुकला देखी जा सकती है.

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महासू देवता मंदिर

9वीं शताब्दी में निर्मित, महादू देवता मंदिर भगवान महासू को समर्पित है. हनोल में तुइनी-मोरी रोड पर स्थित, महासू देवता मंदिर का निर्माण हुना स्थापत्य शैली में किया गया है. सदियों से आप इस मंदिर में ने मिश्रित शैली को देख सकते हैं.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.