भारत का इतिहास दुनिया भर में मशहूर है और लोग इसके बारे में जानने के लिए उत्सुक भी रहते है. भारत के राजसी पहाड़ों और हरी-भरी पहाड़ियों ने देश के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. जैसी गर्मियां आती हैं, वैसे ही लोग हिल स्टेशनों का रुख करने लगते हैं, तो वहीं सर्दियों में बर्फ का मजा लेने के लिए इन जगहों पर निकल जाते हैं. लेकिन जिन हिल स्टेशनों में आप इतना घूमते हैं, वहां के इतिहास के बारे में कुछ थोड़ा बहुत जानते हैं? अगर नहीं, तो चलिए जानते हैं.

मैक्लोडगंज

यह प्राचीन शहर दुनिया भर में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के घर के रूप में जाना जाता है. वर्ष 1960 में, दलाई लामा ने यहां आकर अपना आधार स्थापित किया था. यह शहर बौद्ध संस्कृति का अड्डा बन गया है. यह जगह आज लोगों के बीच आकर्षण बनी हुई है.

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मसूरी

मसूरी को ‘हिल स्टेशनों की रानी’ भी कहा जाता है, मसूरी गढ़वाल हिमालय में बसी एक शांत जगह है. मसूरी को 1823 में अंग्रेजों द्वारा स्थापित किया गया था. यहां आप औपनिवेशिक वास्तुकला के निशान लगभग हर जगह देख सकते हैं, जैसे – चर्चों, लैंप पोस्ट और ग्रीष्मकालीन महलों से लेकर पुस्तकालयों और होटलों तक. 1880 के दशक में इंग्लैंड को बढ़िया वाइन निर्यात करने वाली प्रसिद्ध मैकिनॉन की शराब की भठ्ठी यही स्थापित की गई थी.

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गंगटोक

राजसी माउंट कंचनजंगा के सामने स्थित यह शहरी जगह काफी काफी खूबसूरत है. 1840 में यहां एन्ची मठ बौद्ध शिक्षाओं का केंद्र बन गया. तिब्बती इतिहास की एक झलक नामग्याल इंस्टीट्यूट ऑफ तिब्बतोलॉजी (तिब्बती संग्रहालय) से देखी जा सकती है.

शिमला

हिमालय की बर्फीली चोटियों के बीच बसा, शिमला अपनी धुंध से ढकी पहाड़ियों के लिए जाना जाता है. इसकी औपनिवेशिक शैली की इमारतें और ब्रिटिश-युग के लॉज एक पुरानी दुनिया का आकर्षण पेश करते हैं. शिमला साल 1864 में भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी, जहां अंग्रेज गर्मी से छुटकारा पाने के लिए इस जगह पर घूमने के लिए जाया करते थे. यहां का एकमात्र रास्ता बैलगाड़ी हुआ करता था.

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