स्मार्टफोन (Smartphone) और बाकी गैजेट्स का इस्तेमाल करना हमारे जीवन का एक जरूरी हिस्सा बन चुके हैं. स्मार्टफोन से आप दुनिया के किसी भी कोने के बारे में जान सकते हैं और एंटरटेनमेंट के तमाम तरीके इसपर उपलब्ध होते हैं. लेकिन स्मार्टफोन से निकलने वाली रोशनी आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं. कई लोग ज्यादा ब्राइटनेस बढ़ाकर रखते हैं, जो आंखों के लिए सही नहीं है. हालांकि आजकल स्मार्टफोन की ब्राइटनेस एडजस्ट करने के लिए ऑटोमेटिक मोड ऑफर किया जाता है लेकिन कई बार यह ठीक तरह से काम नहीं करता है. चलिए जानते हैं कि आप कैसे अपने स्मार्टफोन की ब्राइटनेस एडजस्ट कर सकते हैं.

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चैटिंग करते समय

अगर आप स्मार्टफोन से चैटिंग कर रहे हैं यानि मैसेज पढ़ भी रहे हैं और टाइप भी कर रहे हैं, तो ब्राइटनेस कम से कम 50% होनी चाहिए. ऐसा करने से आपकी आंखों पर जोर नहीं पड़ेगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि मैसेज पढ़ने और भेजने के लिए ठीक-ठाक लाइटिंग की जरूरत होती है.

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गेम्स खेलते समय

कई लोगों का स्मार्टफोन में गेम्स खेलने का अलग ही शौक होता है. कोशिश करें कि आप उस दौरान ब्राइटनेस कम न रखें, गेम खेलते समय 50 फीसद से लेकर 60 फीसद तक की ब्राइटनेस होनी चाहिए. गेम में इस्तेमाल किए गए कलर्स आपकी आंखों पर जोर डाल सकते हैं, इसलिए ब्राइटनेस सही रखें.

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स्मार्टफोन का इस्तेमाल बाहर कैसे करें?

बाहर सूरज की रोशनी काफी तेज होती है और ऐसे में कम ब्राइटनेस के साथ स्मार्टफोन इस्तेमाल करना आपकी आंखों के लिए नुकसानदायक हो सकता है. कोशिश करें कि आप बाहर स्मार्टफोन की ब्राइटनेस फुल रखें, खासतौर से नॉन एमोलेड डिस्प्ले वाले स्मार्टफोंस के लिए. अगर एमोलेड डिस्प्ले है, तो आप 80 फीसदी की ब्राइटनेस रख सकते हैं.

रात के अंधेरे में स्मार्टफोन का इस्तेमाल बिल्कुल न करें, ऐसा करने से आपकी आंखों पर न सिर्फ जोर पड़ता है बल्कि वह कमजोर होने लगती हैं.

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