भारत में आपको एक से एक अनोखे मंदिर देखने को मिल जाएंगे. कहीं मान्यताएं बहुत पुरानी हैं, तो कहीं के रिवाज लोगों के लिए आज भी जरूरी हैं. पर्यटन की दृष्टि से मध्य प्रदेश काफी समृद्ध राज्य है. यहां काफी संख्या में धार्मिक चीजों से जुड़े लोगों का आना जाना लगा रहता है. ओरछा, मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले में मौजूद है. यहां प्रसिद्ध चतुर्भुज मंदिर भी है, जहां भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 876 ईसा पूर्व में हुआ था. चलिए नवभारत टाइम्स के मुताबिक इस मंदिर के बारे में जानते हैं.

ग्वालियर का चतुर्भुज मंदिर

ये मंदिर ग्वालियर फोर्ट के पूर्वी दिशा में स्थित है. मंदिर के अंदर आप भगवान विष्णु की भी खूबसूरत मूर्ती देख सकते हैं. अगर हम इस मंदिर के इतिहास की बात करें, तो चतुर्भुज का निर्माण साल 876 ई.पू में में करवाया गया था. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर को वैल्लभट्ट के पुत्र और गुर्जर-प्रतिहार वंश के नागरभट्ट के पोते अल्ला ने बनवाया था. लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की गई है.

यह भी पढ़ें: घूमने का बना रहे हैं प्लान तो हिमाचल की ये 6 जगहें कर रही है आपका इंजतार

मंदिर के शिलालेख

मंदिर शिलालेख पर खुदे विश्व के सबसे प्राचीन ज्ञात शून्य के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है. आपको बता दें, मंदिर के अंदर, भगवान विष्णु की प्रतिमा और शिलालेख पर शून्य अंकित है. लेकिन इन शून्यों को केवल वहां का टूर गाइड ही आपको दिखा सकता है.

यह भी पढ़ें: भारत का अनोखा मंदिर, जहां लगाया जाता है नूडल्स का भोग, जानें दिलचस्प वजह

मंदिर में जीरो लिखा है

इस मंदिर को लेकर माना जाता है कि जिस लिखित नंबर ज़ीरों के बारे में हम और आप जानते हैं, उसका सबसे प्राचीन लिखित रिकॉर्ड इस मंदिर में देखा जा सकता है. अगर आप इस मंदिर में जाएंगे, तो यहां की दीवारों में मौजूद 9वीं शताब्दी के शिलालेख पर दो बार ‘0’ लिखा हुआ दिखाई देगा. इस शिलालेख पर 270 X 167, पूजा के लिए रोजाना 50 मालाएं दान देने जैसी कई बातें अंकित हैं.

यह भी पढ़ें: भारत में एक ऐसा अनूठा मंदिर, जहां फूल नहीं भगवान को बीड़ी चढ़ती है

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.