भारत में अलग-अलग संस्कृतियां हैं. यहां का समाज सदियों से चले आ रहे हैं रीती-रिवाजों का पालन करता है. इसके अलावा भारत में कई ऐसी जगहें हैं, जिनके बारे में जानकार हर कोई हैरान रह जाता है. हम बात कर रहे हैं एक ऐसे मशहूर मंदिर की, जहां फल, फूल, रोली या चावल नहीं बल्कि घड़ियां अर्पित की जाती हैं. आप भी ये सुनकर आश्चर्य में पड़ गए होंगे क्योंकि हम पूजा करते समय भगवान को प्रसन्न करने के लिए फल-फूल ही अर्पित करते हैं. तो चलिए जानते हैं इस अनोखे मंदिर के बारे में.

30 साल पुरानी परंपरा है

वाराणसी के जौनपुर में स्थित यह मंदिर अपनी पुरानी पंरपरा से मशहूर है. जौनपुर के इस मंदिर को ब्रहा बाबा के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर में भक्त फूल-माला, आदि न चढ़ाकर मंदिर में घड़ियों का दान करता है. खबरों की मानें, तो स्थानीय लोग इस परंपरा को 30 साल से अपनाते आ रहे हैं.

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घड़ी बाबा मंदिर

आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर को घड़ी बाबा मंदिर भी कहा जाता है. इस मंदिर में घड़ी चढ़ाने को लेकर एक पुरानी कहानी है. यहां की मान्यता है कि एक बार एक व्यक्ति यह मनोकामना लेकर आया था कि वह ड्राइवर बन जाए, जब उसकी यह इच्छा पूरी हो गई तो उसने भगवान को घड़ी चढ़ाई थी. जब स्थानीय लोगों को पता चला, तो उन्होंने भी इच्छापूर्ती के लिए भगवान को फूल-फल चढ़ाने के बजाए घड़ी अर्पित करना शुरु कर दिया.

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यहां दूर-दूर से आते हैं लोग

जैसे ही लोगों को यहां घड़ी चढ़ाने के बाद इच्छापूर्ति के बारे में पता चला, यह खबर दूर-दूर तक फैलने लगी. मंदिर के बाहर बने पेड़ पर सभी अपनी इच्छा पूरी होने पर घडी चढ़ाते हैं. सबसे रोचक बात यह है कि मंदिर अर्पित की गई घड़ियों को कोई चुराता या लेकर नहीं जाता है. यहां कई सारी घड़ियां इकट्ठी रहती हैं.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यहां जाने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी के आखिर तक है. इस दौरान मौसम अच्छा रहता है, जिससे पर्यटक आराम से मंदिर के दर्शन कर पाते हैं.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.