हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है. प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या आती है. यदि यह तिथि सोमवार को पड़ जाए तो अमावस्या बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. ऐसे में सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं. इस बार सोमवती अमावस्या 30 मई यानि आज पड़ रही है. सोमवती अमावस्या 29 मई को दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से शुरू होकर 30 मई सोमवार को 04 बजकर 59 मिनट तक रहेगी. इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा विधि विधान से किया जाता है. पीपल के जड़ में जल में तिल और शक्कर मिलाकर जल अर्पित करना चाहिए.

पितरों को खुश करें

सोमवती अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए गीता के 7 अध्याय का भी पाठ करना चाहिए. इससे भी पित्र खुश होते हैं और उनका आशीष मिलता है.

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शनि दोष होगा दूर

सोमवती अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने से कुंडली के शनि दोष, शनि की महादशा, शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैया से भी राहत मिलती है.

राहु केतु होंगे शांत

यदि सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा शिवालय में जाकर किया जाए तो कुंडली के राहु केतु शनि के दोष से शांति मिलती है और साथ ही यदि कोई मारक ग्रह हो या छठे भाव का ग्रह या तृतीय भाव या अष्टम भाव या 12 हाउस का महादशा या अंतर्दशा चलती हो तो ऐसे में शांति मिलती है.

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स्नान करना माना जाता है शुभ

सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का भी विधान बताया गया है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से दुष्ट ग्रहों से शांति मिलती है और कुंडली के दोष भी शांत होते हैं. 

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दान करना है शुभ

नदी में स्नान के बाद जरूरतमंद को दान देने का भी विधान है. किसी भी माह की अमावस्या को पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और स्नान-दान का बहुत महत्व होता है. इसके अलावा इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य करना शुभफल देने वाला होता है.

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.