दुनियाभर में दिल से जुड़ीं बीमारियां मृत्यु का सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है. हृदय रोग लोगों के हृदय को प्रभावित करने वाली कई स्थितियों के बारे में बताता है. लोगों में हृदय (Heart)से संबंधित बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ता जा रहा है. प्रत्येक वर्ष हार्ट की बीमारियों से मरने वालों के आंकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है. हृदय रोग के अंतर्गत आने वाली बीमारियों में कोरोनरी धमनी रोग, रक्त वाहिका रोग, जन्म से ही होने वाले हृदय दोष, हृदय के धड़कने में होने वाली परेशानी आदि आते हैं. हृदय संबंधित बीमारियों की कई वजह हो सकती है. जैसे चिंता,तनाव और खराब लाइफस्टाइल आदि.
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लोगों को कई बार हृदय संबंधित बीमारियों के बारे में पता नहीं चलता है, जिसकी वजह से बचने के चांसेस बहुत कम होते हैं. क्या आप जनते है कि ब्लड ग्रुप्स (Blood Groups) के आधार पर इस बारे में पता लगाया जा सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि आपका ब्लड ग्रुप और हार्ट हेल्थ आपस में जुड़ी होती है. प्रत्येक व्यक्ति का ब्लड ग्रुप अलग-अलग होता है. शोधकर्ताओं बताते है कि ABO ब्लड सिस्टम से इस बात का पता लगाया जा सकता है कि किस ब्लड ग्रुप के लोगों में हार्ट का खतरा अधिक पाया जाता है.
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क्या है ABO ब्लड सिस्टम?
सबसे सफल आपको बता दें कि ब्लड को ABO सिस्टम के आधार पर अलग-अलग हिस्सों में बांटा जाता है. ABO सिस्टम ब्लड ए और बी एंटीजन की उपस्थिति या फिर अनुपस्थिति के आधार पर ब्लड को अलग-अलग हिस्सों में बांटने का कार्य करता है. इसके आधार पर व्यक्ति A, B, AB और O ब्लड ग्रुप होता है. A, B, और O ओ ब्लड ग्रुप की सबसे पहले पहचान 1901 में ऑस्ट्रियाई इम्यूनोलॉजिस्ट कार्ल लैंडस्टीनर की थी.
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ब्लड ग्रुप्स नेगेटिव और पॉजीटिव फैक्टर रेड ब्लड सेल्स में प्रोटीन की उपस्थिति या अनुपस्थिति से आता है.यदि आपके ब्लड में प्रोटीन है तो आप Rh पॉजिटिव हैं वरना आप Rh नेगेटिव होते हैं. जानकारी के लिए बता दें कि जिन लोगों का ब्लड ग्रुप O पाया जाता है. उन्हें यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है और जिन लोगों का ब्लड ग्रुप AB होता है. वह किसी भी व्यक्ति से जरूरत पड़ने पर खून ले सकते हैं.
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अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन जर्नल की स्टडी साल 2020 में प्रकाशित हुई थी. इस स्टडी के मुताबिक जिन लोगों में ब्लड ग्रुप A और B पाया जाता है. उनमें थ्रोम्बोम्बोलिक बीमारियों के बढ़ने का खतरा अधिक होता है. वहीं O ब्लड ग्रुप वाले की तुलना में हाईपरटेंशन का खतरा कम होता है.
इस स्टडी में देखा गया है कि A ब्लड ग्रुप वाले लोगों में O ब्लड ग्रुप वालों की तुलना में हार्ट फेलियर, एथेरोस्क्लेरोसिस और हाइपरलिपिडिमिया के खतरा अधिक पाया जाता है. वहीं B ब्लड ग्रुप वाले लोगों को O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में हार्ट अटैक का खतरा अधिक पाया गया है.
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ऐसा क्यों होता है?
शोधकर्ताओं बताते है कि ऐसा नॉन-विलेब्रांड फैक्टर में अंतर की वजह से होता है. यह ब्लड क्लॉटिंग प्रोटीन होता है, जो थ्रोम्बोटिक इवेंट्स में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बिना O ब्लड ग्रुप्स वाले लोगों में नॉन-विलेब्रांड फैक्टर के अधिक कॉन्सेंट्रेशन की वजह से खून क्लॉटिंग बनने की आशंका होती है, जबकि O ब्लड ग्रुप वाले लोगों में ऐसा नहीं होता.
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स्टडी में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि बिना O ब्लड ग्रुप्स वाले लोगों में हाइपरटेंशन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग का खतरा कम पाया गया है, जिन लोगों में O ब्लड ग्रुप्स पाया जाता है. उनमे O ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में हृदय संबंधित बीमारियों का खतरा बहुत अधिक होता है.
(नोट: ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.)
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