कोरोना (Corona) की वजह से पिछले 2 साल से बच्चे घर में रहकर ही ऑनलाइन (Online) माध्यम से पढ़ाई कर रहे थे. कोरोना की तीसरी लहर खत्म होने के बाद जब स्कूल खुले तो उसके कुछ दिन बाद ही छात्रों में कोरोना के मामले मिलने शुरू हो गए. जाहिर है कि बच्चों में कोरोना के मामले मिलने से एक बार फिर से चिंता पैदा हो गई है.

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ऐसा बताया जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के कई स्कूलों में कई छात्रों और अध्यापकों में कोरोना के मामले पाए गए जिसकी वजह से स्कूलों को एक बार फिर से बंद कर दिया गया है और दोबारा से ऑनलाइन क्लास शुरु हो गई है. इस खबर से बच्चों और परिजनों में बेचैनी पैदा हो गई है.

बेशक कोरोना के नए मामलों में कमी देखी जा रही है परंतु सभी को ये ध्यान जरूर रखना चाहिए कि कोरोना के खिलाफ जंग अभी खत्म नहीं हुई है. एशिया और यूरोप के कई देशों में चौथी लहर ने दस्तक दे दी है और मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में जो लोग अपने बच्चों को वापस स्कूल भेज रहे हैं उन्हें कुछ लक्षणों को ध्यान में रखना चाहिए. अगर आपको अपने बच्चों में कुछ कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण नजर आए तो बच्चों को बिल्कुल भी स्कूल न भेजें.

बच्चों में कोरोना के लक्षण

कोरोना होने पर कुछ बच्चों में लक्षण नजर आ सकते हैं जबकि कुछ बच्चों में नहीं भी दिख सकते. अगर बच्चों में कोरोना के आम लक्षणों की बात की जाए तो उनमें खांसी और बुखार जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं.

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जानिए आपको किन लक्षणों पर रखनी चाहिए नजर

1. बुखार

2. लगातार खांसी

3. सीने में दर्द

4. गंध और स्वाद की कमी

5. गले में खराश

6. पेट और आंतों से जुड़ी समस्याएं

7. मांसपेशियों में दर्द

8. गंभीर सिरदर्द

बच्चों में खांसी का भी रखें विशेष ध्यान

एक अध्ययन से पता चलता है कि शिशुओं और छोटे बच्चों में क्रुप की ज्यादा समस्या देखी गई. क्रुप ऊपरी वायुमार्ग का संक्रमण है, जो सांस लेने में बाधा डालता है और भौंकने वाली खांसी का कारण बनता है. इसमें वॉयस बॉक्स के आसपास सूजन हो जाती है इसलिए माता-पिता को बच्चों में इस लक्षण पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

बच्चों में कोरोना के गंभीर लक्षण

गंभीर मामलों में बच्चों में एक मल्टीसिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम के लक्षण दिख सकते हैं. इस स्थिति में हृदय, फेफड़े, रक्त वाहिकाओं, गुर्दे, पाचन तंत्र, मस्तिष्क, त्वचा या आंखों सहित कुछ अंगों और ऊतकों में सूजन पैदा हो सकती है.

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इसके लक्षणों में शामिल है ये

1. उल्टी

2. दस्त

3. पेट दर्द

4. त्वचा पर लाल चकत्ते

5. थकान

6. तेजी से सांस लेना

7. आंखों का लाल होना

8. लाल या सूजी हुई जीभ

बच्चों में कोरोना के ज्यादा गंभीर लक्षण

1. सांस लेने में कठिनाई

2. भ्रम

3. सचेत रहने में असमर्थता

4. त्वचा, होंठ या नाखून का रंग पीला होना

5. गंभीर पेट दर्द

अगर आपका बच्चा बीमार हो जाए तो उसे स्कूल भेजने से परहेज करें. भले ही उसे कोविड-19 न हो. याद रहे कि एक फ्लू, एक सामान्य सर्दी और रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस एक बच्चे के लिए उतना ही चुनौतीपूर्ण हो सकता है जितना कि कोविड-19.

जानिए बच्चों को कोरोना से कैसे बचा सकते हैं

आपको एक बात का ध्यान रखना है कि भले ही कोरोना के मामले कम हुए हैं परंतु खतरा अभी टला नहीं है. आपको बच्चों में कोरोना से जुड़े नियमों का पालन करने की आदत को बरकरार रखने की सलाह देनी होगी. जो बच्चा टीके के लिए पात्र है उसे टीका जरूर लगवाएं. मास्क, सामाजिक दूरी, साफ-सफाई का विशेष ध्यान जरूर रखें.

(नोट: ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.)

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