भारत में कई ऐसी जगहें हैं, जिनके बारे में जानकार हर कोई हैरान रह जाता है. यहां का समाज सदियों से चले आ रहे हैं रीती-रिवाजों का पालन करता है. कुछ लोगों के लिए ये केवल रोचक कहानियां होती हैं, तो स्थानीय लोग इन रिवाजों का खूब पालन करते हैं. भारत के साथ-साथ दुनियाभर में अनेकों ऐसी गुफाएं मौजूद हैं, जो लोगों के लिए आज भी हैरानी का विषय बनी हुई हैं. इन्हीं में से एक है उत्तराखंड (Uttarakhand) के गंगोलीहाट (Gangolihat) की गुफा.

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गुफा के अंदर क्या है?

यह गुफा 8 तल की है और इसमें कई पौराणिक चित्र भी उभरे हुए मिले हैं. इतना ही नहीं इस गुफा के अंदर शिवलिंग (Shivling) भी मिला है और चौंकाने वाली बात यह है कि इस शिवलिंग पर चट्टानों से पानी भी गिर रहा है. गुफा की विशालता के साथ शिवलिंग पर गिर रहे पानी ने इस जगह को चर्चा में ला दिया है. मान्यता है कि यह पाताल भुवनेश्वर गुफा से भी बड़ी हो सकती है.

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कैसे मिली ये गुफा?

शैल पर्वत क्षेत्र की गुफाओं वाली घाटी गंगोलीहाट (Gangolihat) में स्थित प्रसिद्ध सिद्धपीठ हाटकालिका मंदिर से करीब एक किमी दूर मिली इस गुफा को 4 युवाओं ने खोजा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविवार को गंगोलीहाट के गंगावली वंडर्स ग्रुप (Gangavali Wonders Group) के सुरेंद्र स‍िंह बिष्ट, ऋषभ रावल, भूपेश पंत और पप्पू रावल जब इस गुफा में पहुंचे तो इसके विशालकाय आकार को देखकर दंग रह गए. प्राकृतिक रूप से बनी इस गुफा में सीढ़ियां भी मौजूद हैं.

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अनोखी है गुफा

इस गुफा को महाकालेश्‍वर (Mahakaleshwar) नाम दिया गया है. इस इलाके की अन्‍य गुफाओं की तरह यहां भी चट्टानों पर पौराणिक आकृतियां उभरी हुई हैं. यहां बाकी गुफाओं की तरह देवी-देवताओं के चित्र बने हुए हैं. कमाल की बात यह भी है इतनी लंबी गुफा होने के बाद भी यहां पर्याप्‍त ऑक्‍सीजन है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)