इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीने रमजान (Ramadan 2022) की शुरुआत हो चुकी है. रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समाज के लोग 30 दिन तक रोजे रखते हैं. इस दौरान रोजा रखने वालों को इस महीने में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है. रोजे के समय दिन में कुछ भी नहीं खाया-पीया जाता है. इस्लामी कैलेंडर के अनुसार रमजान का महीना 9वां महीना होता है.

यह भी पढ़ें: Ramadan 2022: जानें कैसे हुई रमजान की शुरुआत, इन लोगों को है रोजा रखने की छूट

इस पूरे महीने में लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं. इस महीने में मुसलमान सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के पहले अन्न पानी ग्रहण नहीं करते. उपवास के अलावा मुसलमानों को इस पूरे महीने अपने विचारों में भी शुद्धता रखनी पड़ती है. रोजे में इफ्तार और सहरी के बीच के समय में ही खान-पान किया जाता है. इफ्तार से लेकर सेहरी तक ज्यादा से ज्यादा से पानी पीने की सलाह दी जाती है. रोजे के दौरान नींद पूरी नहीं लेने की वजह से आप बीमार भी हो सकते हैं.

यह भी पढ़ें: खजूर खाकर ही क्यों खोलते हैं रोजा? ये है इसके पीछे की बड़ी वजह

रोजे के समय डाक्टर खान पान की चीजों पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं.महीने भर के लिए उपवास रखना तन, मन और हमारे शारीरिक प्रणाली के शुद्धिकरण करने के सबसे अधिक अच्छा तरीका है.लेकिन डायबिटीज जैसी बीमारियों से परेशान लोगों को सेहत के लिए पेट रहना खतरनाक साबित हो सकता है.

डायबिटीज में रोजा रखने से पहले रखें इन बातों का ध्यान

जो लोग डायबिटीज से पीड़ित है उन्हें रोजा रखने के दौरान अपने ब्लड प्रेशर को समय-समय पर चेक करते रहना चाहिए. दरअसल रोजा रखने वाले व्यक्ति सूर्योदय के बाद से लेकर सूर्यास्त तक किसी भी प्रकार का कोई भी खाद्य पदार्थ और पानी तक नहीं पीते हैं.

यह भी पढ़ें: नवरात्रि में भूलकर भी न पहनें इस रंग के कपड़े, नाराज हो जाएंगी मां दुर्गा

आपको जानकारी के लिए बता दें कि यदि मरीज की शुगर 70 से कम हो जाए या 300 तक पहुंच जाए तो उन्हें तुरंत रोजा खोल लेना चाहिए.

लंबी अवधि की इंसुलिन की दवा जरूरत के अनुसार कर लेनी चाहिए और शाम के खाने से पहले लेनी चाहिए.

डायबिटीज के जो मरीज रमजान के महीने में रोजा रख रहे हैं उन्हें अपने शरीर में पानी के लेवल को मेंटेन रखने के लिए हर छोटी से छोटी बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए.

यह भी पढ़ें: Chaitra Navratri 2022: कब है अष्टमी, नमवी और रामनवमी? जानें सटीक जानकारी

क्लोरप्रोप्माइड और स्लफोनाइल्योरियस और जैसी दवाएं जो आप डायबिटीज में लेते हैं इन्हें रोजे के दौरान नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इससे लंबे समय के लिए ब्लड शुगर लो हो सकती है, जो आपको नुकसान पहुंचा सकती है.

रमजान के महीने में रोजा रखते हुए इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए कि अगर उन्हें डायबिटीज है तो ऐसी डाइट का पालन करें जो एंटी डायबेटिक हो. इसका मतलब डायबिटीज के मरीज रोजा रखने के द्वारा जिन फूड्स का सेवन करें. उनमें ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें जो एंटी डायबेटिक हों.

(नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.)

यह भी पढ़ें: रमजान के महीने में भूलकर भी ना करें ये काम, वरना नहीं मिलेगा रोजा रखने के फल