हिमालयन अंजीर को उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में बेदू के नाम से भी जाना जाता है. अंजीर को लेकर हाल ही में हुई एक रिसर्च से पता चला है कि यह दर्द निवारक दवा जैसे एस्पिरिन और डिक्लोफेनाक का एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. वहीं, पंजाब लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की रिसर्च के अनुसार बीते 3 साल में उन्होंने पाया कि हिमालयन अंजीर में एनाल्जेसिक इफेक्ट होते हैं जो आपको त्वचा से जुड़े रोग और घावों से राहत दिलाने का काम करेंगे.

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इसके अतिरिक्त जर्नल प्लांट्स में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, जंगली फलों के अंदर एनाल्जेसिक प्रभाव मौजूद होते हैं और विशेष रूप से इनमें दो प्रमुख घटक होते हैं Psoralen और Rutin. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रति 1 किलो फल में यह घटक 400 मिलीग्राम होते हैं जो आपको कई त्वचा के रोगों से मुक्ति दिला सकते हैं.

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अंजीर के गुणों का बखान करती हुई नूट्रिशनिस्ट जूही कपूर

जाने क्यों है हिमालयन अंजीर फायदेमंद

फिटनेस इंफ्लूएंसर और नूट्रिशनिस्ट जूही कपूर के अनुसार, अंजीर के अंदर भरपूर मात्रा में कैल्शियम और पोटेशियम पाए जाते हैं. यह पोषक तत्व आपकी बोन डेंसिटी में सुधार लाने के साथ-साथ ऑस्टियोपोरोसिस जैसी खतरनाक बीमारी से बचाने का काम करते हैं.

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हड्डियों के साथ पेट को दुरुस्त रखती है अंजीर

रिसर्च से पता चला है कि पोटेशियम युक्त पदार्थ हमारी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक साबित होते हैं. इसके अतिरिक्त अंजीर के अंदर फाइबर भी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है जो आपकी पाचन शक्ति को मजबूत बनाने का भी काम करता है. जूही कपूर ने अपनी इंस्टा पोस्ट में लिखा कि इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स गुण पाए जाते हैं जो आपकी त्वचा को भी बेहतर बनाने का काम करते हैं.

रक्तचाप को सामान्य रखता है अंजीर

आपकी जानकारी के लिए बता दें अंजीर के अंदर पोटेशियम के साथ-साथ सोडियम भी मौजूद होता है तो आपके शरीर में रक्तचाप को सामान्य रखने में सहायता करता है.

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आयुर्वेद संस्थान ने अंजीर को बताया गुणों का भंडार

आयुर्वेदिक संस्थान रसायनम के निदेशक आयुष अग्रवाल के अनुसार, अंजीर के अंदर फाइबर और पोटेशियम मौजूद होते हैं जो आपके शरीर में सोडियम के स्तर को नियंत्रित रखने का काम करेंगे. इसके अलावा इसमें मौजूद कैल्शियम और पोटेशियम के जरिए बोन डेंसिटी बेहतर होती है और हड्डियों को मजबूती मिलती है. इसके अलावा आयुष ने कहा कि हिमालयन अंजीर के अंदर मौजूद घटक चवनप्राश में भी पाए जाते हैं. ज्यादातर भारतीय परिवारों में चवनप्राश का सेवन किया जाता है.

अंजीर के गुणों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि भविष्य में इसका उपयोग दर्द निवारक दवाओं के तौर पर किया जा सकता है. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि अभी इस पर कुछ अन्य रिसर्च होनी बाकी है लेकिन हो सकता है कि जल्द ही रिसर्च पूरी हो जाए और हमें दर्द से राहत पाने के लिए एक नेचुरल उत्पाद देखने को मिले.

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