देश में जब हम एम्बेसडर (Ambassador) कार को देखते हैं. तो हमें भारत की राजनीती और पॉवर याद आने लगती है. आज के समय में हम किसी पुराणी फिल्म को देखते हैं. तो हमें नेताओं के पास एम्बेसडर कार देखने को मिलती है. भारत की सड़कों पर अब Ambassador कार फिर से दौड़ती नजर आएगी. लेकिन इस बार ये कार बिलकुल नए फीचर और अवतार में लॉन्च होगी

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यूरोपीय कार कंपनी के साथ हुई डील

आजतक के लेख के अनुसार, यूरोप की एक ऑटोमोबाइल कंपनी के साथ एंबेसडर बनाने वाली हिंदुस्तान मोटर्स (Hindustan Motors) ने एमओयू साइन किया है.

आपको जानकारी के लिए बता दें कि अभी यूरोपीय पार्टनर का नाम सामने नहीं आया है. लेकिन माना जा रहा है कि ये डील Peugeot के साथ हुई है. इस एमओयू के हिसाब से ऑटोमोबाइल कंपनी और हिंदुस्तान मोटर्स दोनों कंपनियां एक साथ मिलकर दुबारा से कंपनी के उत्तरपारा प्लांट में कार और स्कूटर की मैन्यूफैक्चरिंग की शुरुआत करेगी.

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Ambassador बनेगी Amby

इस बार एंबेसडर इलेक्ट्रिक अवतार में लॉन्च होगी. लेकिन इससे पहले कंपनी इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर्स बनाने की शुरुआत करेगी. हिंदुस्तान मोटर्स के डायरेक्टर उत्तम बोस ने बताया कि नई ‘Amby’ का न्यू लुक,इंजन और डिजाइन को लेकर काम चल रहा है. ये पहले ही एडवांस स्टेज में है.

अनुमान लगया जा रहा है कि Ambassador अगले दो सालों में आ सकती है.2014 तक एम्बेसडर की शुरुआती कीमत करीब 4.21 लाख रुपए थी। वहीं टॉप वैरिएंट के लिए 6.40 लाख रुपए तक खर्च करने होते थे.

देश का सबसे पुराना कार प्लांट

देश का सबसे पुराना कार प्लांट कोलकाता से करीब 20 किलोमीटर दूर है. भारत की सड़कों हिंदुस्तान मोटर्स की एंबेसडर 1970 के दशक तक दौड़ती थी. इसके बाद मारुति सुजुकी जैसी कंपनियों की सस्ती कार के आने से बाजार में एम्बेसडर कार की मांग कम होने लगी. फिर अंत में 2014 में कंपनी ने इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया.

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1948 से बन रही यहां कार

उत्तरपारा (Uttarpara) प्लांट में प्रोडक्शन 1948 में शुरू किया गया था. लेकिन कंपनी का सबसे फेमस कार मॉडल Ambassador 60 के दशक मे पहली बार भारत की सड़कों पर उतरा. इसे कंपनी ने 1957 में लॉन्च किया. इसके बाद कंपनी ने अक्टूबर 2014 में इस प्लांट को जब बंद किया तब इसमें 2300 कर्मचारी काम करते थे. अभी इनकी संख्या सिर्फ 300 रह गई है.

बता दें कि उत्तरपारा में कंपनी के पास 275 एकड़ का लैंड एरिया है, जिसमें 90 एकड़ में फैला ये प्लांट भी शामिल है. लगाए जा रहे अनुमान के मुताबिक यूरोपीय कंपनी के साथ हुई ये डील करीब 600 करोड़ की है. इस डील में बहुलांश हिस्सेदारी हिंदुस्तान मोटर्स के पास रहने वाली है.

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