Engineers Day 2022: भारत में हर साल 15 सितंबर को राष्ट्रीय इंजीनियर दिवस (Engineers Day 2022) मनाया जाता है. यह दिन सर मोक्ष गुंडम विश्वेश्वरैया (Sir Moksha Gundam Visvesvaraya) की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्हें भारत के महानतम इंजीनियरों में से एक माना जाता है.
भारत का इंजीनियर दिवस विश्वेश्वरैया जयंती या भारतीय इतिहास के महानतम इंजीनियरों की जयंती का प्रतीक है, जिन्होंने एक अतुलनीय विरासत को पीछे छोड़ दिया.
यह दिन सर एम विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि देने और देश भर के सभी इंजीनियरों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों को एक इंजीनियर के काम की सराहना करने और देश के विकास में उनके योगदान को स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करना भी है. आइए भारत में इंजीनियर दिवस के इतिहास और महत्व पर एक नजर डालते हैं.
यह भी पढ़ें: दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के बारे में सबकुछ जानें, बनकर तैयार होगा तो ‘अजूबा’ कहलाएगा
भारत में इंजीनियर दिवस 2022: इतिहास
सर मोक्ष गुंडम विश्वेश्वरैया का जन्म 15 सितंबर 1860 को एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ था, और बाद में उन्होंने एक सिविल इंजीनियर और राजनीतिज्ञ के रूप में काम किया. वे मैसूर के 19वें दीवान थे और उन्होंने 1912 से 1919 तक सात वर्षों तक सेवा की.
सर एम विश्वेश्वरैया ने मैसूर साबुन फैक्ट्री, बैंगलोर कृषि विश्वविद्यालय, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, मैसूर आयरन एंड स्टील वर्क्स, गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज और कई अन्य उद्योगों की स्थापना की. इन उद्योगों ने मैसूर के लोगों को आजीविका प्रदान की.
यह भी पढ़ें: कौन थी Stefania Morechinanu? जिन्हें गूगल ने डूडल बनाकर किया याद
सर एम विश्वेश्वरैया को ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य के नाइट कमांडर और भारत रत्न जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कार भी मिले.
साल 1968 मे भारत सरकार ने सर एम विश्वेश्वरैया की जयंती को राष्ट्र के इंजीनियर दिवस के रूप में घोषित किया. तब से, यह दिन इंजीनियरों के उत्सव और देश के विकास में उनके योगदान का प्रतीक है.
यह भी पढ़ें: आसमान में कितने और चांद हो सकते हैं फिट, जानकर भौचक्के रह जाएंगे आप
भारत में इंजीनियर दिवस 2022: महत्व
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत में दुनिया में इंजीनियरों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है. इसे इंजीनियरों का देश भी कहा जाता है. इंजीनियरिंग भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बड़ा योगदान देता है और भारत के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाता है.
यह दिन देश के सभी इंजीनियरों, विशेषकर सिविल इंजीनियरों को याद दिलाता है कि सर एम विश्वेश्वरैया को अपने लक्ष्यों को पूरा करने और देश के विकास में योगदान देने के लिए अपना आदर्श बनाएं.
यह भी पढ़ें: दुनिया का सबसे पुराना पेड़ ‘ग्रेट ग्रैंडफादर’, उम्र जानकर उड़ जाएंगे होश!
भारत आईटी उद्योग में भी अच्छा कर रहा है, जो देश के सभी मेहनती सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मदद से तेज गति से बढ़ रहा है. इंजीनियरिंग के अन्य रूप जैसे मैकेनिकल, केमिकल , कंप्यूटर आदि भी भारत के विकास में योगदान करते हैं.