अगर आप भी लंबे समय से लैपटॉप या कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. बीते कुछ दिनों से work-from-home होने की वजह से सभी लोगों का काम घर पर लैपटॉप या कंप्यूटर से ही हो रहा है. क्या आप भी दिन भर अपना सारा समय इसी पर बिताते हैं? डॉक्टर ने लैपटॉप के लंबे समय तक और रोजमर्रा की सीमा से अधिक प्रयोग करने पर घातक परिणाम होने की चेतावनी दी है. चलिए जानते हैं कि किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

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इतना गर्म कि संभालना मुश्किल

ऐसा माना जाता है कि काम आवृत्ति वाला चुंबकीय क्षेत्र जैसे कि परंपरागत नॉन फ्लैट स्क्रीन कंप्यूटर मॉनिटर और लैपटॉप के बायोलॉजिकल प्रभाव होते हैं. जो कि विकसित शरीर को प्रभावित करते हैं साथ ही इससे जन्म–दोष, कैंसर कोशिकाओं की ग्रोथ जैसी समस्याएं होती हैं. इसके अलावा न्यूरोलॉजिकल फंक्शन में भी बदलाव होता है, जो तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी विकिरण टी–लिंफोसाइट को सही से काम करने की करने नहीं देता, जो कि कैंसर से लड़ने के लिए आवश्यक होता है. इसके अत्यधिक इस्तेमाल से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

कैसे करें सुधार?

स्क्रीन से एक बांह की दूरी (30 इंच या 75 सेंटीमीटर) बना के रखे. ऐसे में अगर आपको मॉनिटर देखने में दिक्कत आ रही है. तो font-size बढ़ा लें. इसके अलावा मॉनिटर के किनारों और पीछे से 4 फीट की दूरी रखें जिससे विद्युत चुंबकीय तरंगों का प्रभाव ज्यादा नहीं पढ़े.

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सावधानी:

अगर आप गर्भवती है या गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे हैं तो कुछ सावधानियां बरतें कंप्यूटर पर कम समय व्यतीत करें और जहां तक संभव हो लैपटॉप को अपनी गोदी में ना रखें.

देखने में परेशानी:

ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर काम करने से ‘कंप्यूटर विजन सिंड्रोमजेड हो जाता है. इससे आंखों में जलन, खुजली, थकान, लालपन, पानी आना, और रंगभेद जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. जब हम लगातार मॉनिटर को देखते हैं तो पलक कम झपकते हैं. जिसकी वजह से आंखें सूखने लगती हैं और आंखों की नमी खत्म हो जाती है. इसके अलावा स्क्रीन की चमक और अनियंत्रित प्रकाश वाले स्थान पर काम करने से आंखों में तनाव उत्पन्न होता है. जिससे सिर दर्द होता है.

कैसे करें सुधार?

‘कंप्यूटर विजन सिंड्रोम’ से बचने के लिए आपको 20–20 का नियम अपनाना चाहिए. अब आप सोचेंगे कि यह 20–20 का नियम क्या है. 20 मिनट में 20 सेकंड का ब्रेक लेकर अपने से 20 फीट दूर की किसी वस्तु को देखें. इसके अलावा ब्रेक के दौरान अपनी पलकों को छुपाते भी रहे. आप आर्टिफिशियल टियर्स या किसी आईड्रॉप का प्रयोग कर सकते हैं. स्क्रीन का एंगल ऑफ़ 90 डिग्री का होना चाहिए. आप चाहे तो लैपटॉप को किताबों के ऊपर या लैपटॉप स्टैंड पर रख सकते हैं.

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गर्दन में दर्द:

लैपटॉप पर काम करने से गर्दन में अकड़न और दर्द हो जाता है. यदि आप गलत पोजीशन में बैठकर देर तक लैपटॉप पर काम करते हैं तो इससे गर्दन में कई दिक्कतें आ जाती है. ज्यादातर लोग कंधे और गले की मांसपेशियों पर जोर देते हैं जिससे उसमें अकड़ना जाती है. जिसकी वजह से सर्वाइकल, स्पांडिलाइसिस की परेशानी भी हो जाती है. कई लोग भारी लैपटॉप बैग गलत तरीके से टांगते हैं, यह बैग एक कंधे पर टांगते है. जिससे असंतुलन की स्थिति बनी रहती है और इस तरह से गर्दन कंधे की मांसपेशियों में दर्द होता है.

कैसे करें सुधार:

आप दिन में कुछ समय कंधे को पीछे की तरफ और आगे की तरफ करके एक्सरसाइज कर सकते हैं, फिर अपने सिर को एक से दूसरी तरफ दाएं से बाएं, ऊपर से नीचे एक्सरसाइज कर सकते हैं. कुछ देर आकाश की तरफ देखें इसके बाद रिलैक्स हो जाएंगे.

भावात्मक प्रभाव:

रोज–रोज होने वाला सिरदर्द, ह्रदय गति बढ़ना, सोने में दिक्कत, गुस्सा, लगातार तनाव की परेशानी लोगों को होती है. जो लोग कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं. उन लोगों से बातचीत काफी कम हो पाती है l. ऐसे लोगों को डिप्रेशन होने का खतरा अधिक होता है. अक्सर कंप्यूटर पर देर तक काम करते रहने से लोगों को कंप्यूटर से ज्यादा भावात्मक रूप से लगाओ हो जाता है. ऐसे में जब लोग कंप्यूटर पर काम नहीं कर पाते तो वह भावात्मक तौर पर निराश हो जाते हैं और उन्हें गुस्सा आता है.

कैसे करें सुधार:

इस सब बातों मैं यह बात ध्यान रखने वाली है कि अत्यधिक लैपटॉप का प्रयोग करने से हमारा मस्तिष्क कंप्यूटर या लैपटॉप का दास बन जाता है. ऐसे में कंप्यूटर का सीमित समय ही सीमित समय तक ही प्रयोग करें.

गोद में रख कर ना करें प्रयोग:

हाई परफॉर्मेंस लैपटॉप और आरामदायक होते हैं वह अवश्य डेक्सटॉप कंप्यूटर की तुलना में ज्यादा उष्मा उत्पन्न करते हैं ऐसी कई शिकायतें आई है कि गोद में लैपटॉप रखकर काम करने से त्वचा और कमर में जलन की समस्या हो जाती है.

कैसे करें सुधार:

यह हकीकत है कि लैपटॉप कंप्यूटर लैपटॉप को गोद में रखकर इस्तेमाल करने से लैपटॉप गर्म हो जाता है जिसकी उष्मा हमारे शरीर को हानि पहुंचाती है लेकिन वास्तविकता यह भी है की गोद में लंबे समय तक इस्तेमाल करना भी सुरक्षित नहीं है. लैपटॉप आपको एक लैपटॉप टेबल, टेबल पर रख के प्रयोग करना चाहिए

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नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.