आज के समय में डायबिटीज (Diabetes) बीमारी जिससे दुनिया भर में लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं. इतना ही नहीं अगर डायबिटीज बढ़ जाए तो यह अन्य बीमारियों का कारण भी बन सकती है. विशेषज्ञों की मानें तो इस बीमारी को मैनेज करने के लिए आप कई घरेलू उपाय अपना सकते हैं. पर इस बीमारी को जड़ से खत्म करना नामुमकिन सा है. खराब दिनचर्या और खानपान के चलते डायबिटीज एक आम बीमारी बन गई है. यह बड़ों से लेकर बच्चों तक में पाई जाती है.

यह भी पढ़ें: Skin Care: दमकती और जवां त्वचा पाने के लिए इन पांच आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का करें इस्तेमाल

अगर आप भी Diabetes की समस्या से परेशान है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना चाहते हैं तो आप गुड़मार का सेवन कर सकते हैं. कई शोधों में यह बात सामने आई है कि गुड़मार Diabetes का रामबाण इलाज होता है. इसका नाम गुड़मार मिठास कम करने के चलते रखा गया है मलेरिया और स्नेकबाइट के उपचार में आने वाला जिमनेमा सेलवेस्ट्रे नामक पौधा अपनी एंटी डायबिटीज गुणों के लिए जाना जाता है. इसे आम भाषा में गुड़मार के नाम से भी जाना जाता है. गुड़मार या जिमनेमा आंतों में आसानी से अवशोषित हो जाता है और इसमें चीनी की मात्रा कम पाई जाती है जिससे ब्लड शुगर लेवल में सुधार होता है चलिए जानते हैं गुड़मार से संबंधित कुछ जरूरी बातें.

यह भी पढ़ें: Energy और पाचन को बढ़ाने में मददगार किन्नू का जूस, सर्दियों में मिलता है फायदा

गुड़मार के बारे में जानकारी

1. गुड़मार एक इंसुलिन सैनिटाइजर है दरअसल गुड़मार के पत्तों में रेजिन, एल्ब्यूमिन, क्लोरोफिल, कार्बोहाइड्रेट टारटरिक एसिड, फार्मिक एसिड, ब्यूटीरिक एसिड और एंथ्राक्विनोन डेरिवेटिव होते हैं. इसलिए इसके पत्ते को चबाने से दिनभर ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.

यह भी पढ़ें: क्या आप बढ़ाना चाहते हैं वजन, तो ट्राई करें ये 5 प्रोटीन शेक

2. यह उपाय पारंपरिक रूप से मलेरिया और स्नेक बाइट के इलाज में भी प्रयोग किया जाता है. गुड़मार अपनी एंटीबायोटिक गुणों के लिए मशहूर है.

यह भी पढ़ें: सर्दियों में बाजरे की रोटी खाने से मिलते है अनगिनत फायदे, मिलेगी भरपूर एनर्जी

3. गुड़मार में हाइपोग्लाइकेमिया पैदा किए बिना ग्लूकोस को कम करने की शक्ति है. अध्ययन में यह बात सामने आई है कि इसे अगर खाना खाने के 30 मिनट पहले दिया जाए तो यह टेस्ट बड्स को एनेस्थेटिज करके भूख और मीठा खाने की इच्छा को कम करता है.

यह भी पढ़ें: हमारी इन 5 लापरवाहियों से Fridge में रखा खाना होता है खराब

4. गुड़मार वजन घटाने में बहुत मददगार होता है इसमें टाइप टू डायबिटीज के ऐटीओलॉजी और पैथॉफिजियोलॉजी से जुड़े कई कारकों को एक साथ प्रभावित करने की क्षमता है.

यह भी पढ़ें: रोज सुबह उठकर बस 15 मिनट करें ये काम, त्वचा पर बना रहेगा नेचुरल ग्लो

टाइप टू डायबिटीज के लोगों के लिए फायदेमंद

अध्यन में यहबात सामने आई है कि टाइप 2 डायबिटीज वाले लोग जिन्होंने 18 से 20 महीनो तक रोजाना 400 मिग्रा जिमनेमा के पत्तों के अर्क का सेवन किया है उन्होंने फास्टिंग ब्लड शुगर में 29 प्रतिशत की गिरावट महसूस कि है. इसके सेवन सेवन से ए 1सी का स्तर शुरूआत में 11.9 प्रतिशत से घटकर 8.48 प्रतिशत हो गया है.

यह भी पढ़ें: Blood Sugar और Diabetes कंट्रोल करने के लिए इस तरह करें करी पत्ते का सेवन

डायबिटीज होने के कारण

टाइम 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून स्थिति है जहां पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर सकता है. WHO की रिपोर्ट में सभी प्रकार के डायबिटीज रोगियों की वैश्विक आबादी 442 मिलियन से ज्यादा बताई गई है. जबकि टाइप टू डायबिटीज एक लाइफ़स्टाइल डिसऑर्डर है लेकिन अच्छी बात यह है कि इसे नियंत्रित किया जा सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो डायबिटीज तब होती है जब शरीर इंसुलिन के प्रति असंवेदनशील हो जाता है. अनियंत्रित Daibetes जिसके कारण आपके शरीर के अंगों जैसे आंखों, ह्रदय, गुर्दे और उतकों को बहुत नुकसान पहुंचता है.

यह भी पढ़ें: अलसी का बीज है कई बीमारियों का रामबाण इलाज, जानें इसके 4 अचूक फायदे

डिस्क्लेमर: ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह लें.