आचार्य चाणक्य नीतियों को आपने सोशल मीडिया पर खूब देखा और सुना होगा. ऐसा भी बताया जाता है कि चाणक्य नीतियों को ही अपनाकर चंद्रगुप्त मौर्य सम्राट बन गए थे और उनकी नीतियों को अपनाकर आप भी अपने जीवन में सफलता को पा सकते हैं. आचार्य चाणक्य की कई शिक्षाएं और नीतियां आज भी प्रासंगिक है. उनकी शिक्षाएं सफलता पाने पाने और अच्छा इंसान बनने में काफी मदद कर सकता है. मगर हम यहां आपको ये बताएंगे कि कैसे लोगों से हमें दूर रहना चाहिए क्योंकि ये लोग जहरीले होते हैं.

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किस टाइप के लोग जहरीले होते हैं?

किसी से दोस्ती करते समय हमेशा आपको सतर्क रहना चाहिए और इस दुनिया में कई लोग ऐसे हैं जो मुखौटा पहने घूमते हैं. चाणक्य नीति में मित्रों का चयन करते समय सावधानी के बारे में बताया गया है. आचार्य कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति सांप की तरह होते हैं.

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आमतौर पर सांप तब डंक मारता है जब उसे परेशान किया जाता है लेकिन दुष्ट व्यक्ति विष की तरह जहरीले होते हैं और वे अपने मुख पर ये जहर लेकर घूमते हैं. ऐसे इंसान ईर्ष्या से भरपूर होते हैं. वे लोग हर समय मौके की तलाश में रहते हैं और मौका मिलने पर ये लोग तुरंत साथ छोड़ देते हैं. आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में बताया है कि जहरीले जानवरों की तुलना दुष्ट व्यक्तित्व वाले इंसान से होती है.

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धूर्त व्यक्ति और जहरीले जीव में फर्क बस इतना है कि सांप अपने दांत से जहर छोड़ता है, मक्खी का विष उसके सिर पर होता है, बिच्छू की पूंछ में जहर है लेकिन दुष्ट व्यक्ति का पूरा शरीर और मन जहरीला होता है. ऐसे लोगों की संगती से आपको हमेशा बचना चाहिए.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.