आचार्य चाणक्य नीतियों को आपने सोशल मीडिया पर खूब देखा और सुना होगा. ऐसा भी बताया जाता है कि चाणक्य नीतियों को ही अपनाकर चंद्रगुप्त मौर्य सम्राट बन गए थे और उनकी नीतियों को अपनाकर आप भी अपने जीवन में सफलता को पा सकते हैं. आचार्य चाणक्य की कई शिक्षाएं और नीतियां आज भी प्रासंगिक है. उनकी शिक्षाएं सफलता पाने पाने और अच्छा इंसान बनने में काफी मदद कर सकता है. मगर हम यहां आपको ये बताएंगे कि कौन सी बात दूसरों को नहीं बतानी चाहिए.
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चाणक्य नीति इस मामले में क्या कहती है?
चाणक्य नीति पर हर किसी को विचार करना चाहिए क्योंकि ये जीवन के हर उतार-चढाव में काम आती है. चाणक्य नीति में बताया गया है कि कैसे लोग हर किसी के चहेते होते हैं और कैसे लोग बोलते हैं तो उससे अच्छा वे चुप ही रहते. आचार्य के कथन के अनुसार, कोयल तब तक मौन रहकर दिन बिताती है जब तक उसकी मधुर वाणी नहीं फूटती. यह वाणी का आनंद हर कोई लेता है. इसलिए जब भी बोलें तो अच्छा, स्वच्छ और मधुर बोलें वरना आपको चुप ही रहना चाहिए.
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इस कथन में आचार्य चाणक्य कहना चाहते हैं कि लोगों को अपने बोले गए हर शब्द का मतलब याद रखकर बोलना चाहिए. इंसान को मधुर वाणी बोलनी चाहिए क्योकि कड़वी बोलीहर किसी के कानों को चुभती हैं. अगर आप किसी के प्रति घृणा का भाव रखते हुए गलत बोलते हैं तो कोई आपसे बात करना भी पसंद नहीं करेगा.
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ऐसे में आपको अपनी भाषा को तोल-मोल कर बोलना चाहिए जिससे लोग आपसे बात करने से बचें नहीं बल्कि आपसे बात करना पसंद करें. तो आगे से जब भी बोलें वो अच्छा बोलें वरना अगर आप मौन रहेंगे तो कोई आपसे पूछेगा नहीं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.