कम उम्र में धुंधला दिखने की मुख्य वजह क्या होती है? दरअसल, कम उम्र में कम दिखने के पीछे कई कारण जिम्मेदार होते हैं. खराब जीवनशैली (Lifestyle), गलत तरीके से पढ़ना, ज्यादा टीवी देखना या मोबाइल चलाना इसके मुख्य कारण माने जाते हैं. बार-बार सिरदर्द होना, धुंधला दिखाई देना (Blurred Vision) और आंखें लाल रहना आंखों की रोशनी कम होने के लक्षण हो सकते हैं. ऐसे में इन लक्षणों को बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें.

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आंखों की रोशनी कम होने के लक्षण

1. चेहरा पहचानने में कठिनाई

2. पढ़ने में दिक्कत

3. धुंधला दिखाई देना

4. रंग और कंट्रास्ट के बीच अंतर न समझ पाना

5. सिरदर्द होना

आंखों की रोशनी कम होने के कारण

आंखों की रोशनी वैसे तो कई वजह से कम होती है, लेकिन इसमें न्यूरोलॉजिकल समस्याएं भी शामिल है. माना जाता है कि कम उम्र में धुंधला दिखाई देना या आंखों की रोशनी कम होने का एक मुख्य कारण न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं. इस दौरान कम उम्र में कम दिखाई देने लगता है.

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अनुवांशिक भी होता है कम उम्र में कम दिखना

इसके अलावा अनुवांशिक तौर पर भी कम उम्र में कम दिखाई दे सकता है. माना जाता है कि अगर परिवार के किसी सदस्य को ऐल्बिनिज़म रोग या रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा है, तो इन स्थितियों में बच्चों की आंखें कमजोर हो सकती हैं. इस दौरान कम उम्र में ही धुंधला दिखाई दे सकता है, यहा तक ही अंधापन भी हो सकता है.

आंखों की समस्याएं

आंखों की समस्याएं सिर्फ बढ़ी उम्र में ही नहीं बल्कि कम उम्र के लोगों को भी प्रभावित कर सकती हैं. जैसे ग्लूकोमा, मोतियाबिंद, रेटिनोब्लास्टोमा और रेटिनल बीमारियां कम उम्र के लोगों में भी देखी जा सकती है. आंखों की ये समस्याएं कम उम्र के लोगों में आंखों की कम रोशनी का कारण बन सकती हैं. इस स्थिति में आंखों में धुंधलापन आ सकता है.

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खराब जीवनशैली

खराब जीवनशैली के कारण कम उम्र में ही आंखों से जुड़ी कई समस्याएं विकसित हो सकती हैं. खराब जीवनशैली कम दृष्टि का कारण बन सकती है. खराब खान-पान की आदतें, घंटों तक टीवी देखना, मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल आदि छोटी उम्र में आंखों की रोशनी कम होने के कारण माने जाते हैं.

(डिस्क्लेमर: ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह लें.)