रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) NTPC लेवल 1 के रिजल्ट जारी होने के बाद से छात्र लगातार बवाल कर रहे हैं. इसे लेकर बिहार और उत्तर प्रदेश में जगह-जगह प्रदर्शन किये जा रहे हैं. छात्रों का बवाल लगातार तीन दिनों से हो रहा है. प्रसाशन अब छात्रों पर सख्ती बरत रही है. इसके बावजूद छात्रों का प्रदर्शन जारी है. रेल मंत्रालय ने सख्ती बरतते हुए यहां तक कह दिया है कि, उपद्रव करने वाले छात्रों की पहचान की जा रही है जिन पर कार्रावाई होगी और उन्हें आजीवन रेलवे की नौकरी नहीं दी जाएगी. हालांकि, इसके बाद भी छात्रों का प्रदर्शन जारी है और वह अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं.

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क्या है माजरा?

रेलवे ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव के वक्त NTPC के माध्यम से 35 हजार से अधिक पोस्टों के लिए और ग्रुप डी के लिए लगभग एक लाख तीन हज़ार पोस्टों के लिए आवेदन मंगाया. फ़रवरी-मार्च में छात्रों ने फ़ॉर्म भरा. अप्रैल-मई में नई सरकार बन गई. जुलाई तक परीक्षा लेने की संभावित तारीख़ दी गई थी. लेकिन साल 2019 में परीक्षा नहीं ली गई. बाद में दिसंबर 2020 से जुलाई 2021 के बीच देशभर में इस भर्ती के लिए पहले चरण की परीक्षा हुई. उसी परीक्षा के नतीजे 14 जनवरी 2022 को घोषित किए गए. अब इसके दूसरे चरण की परीक्षा 15 फरवरी 2022 को होनी है. लेकिन इस प्रदर्शनों के कारण इस परीक्षा को भी आगे बढ़ा दिया गया है.

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छात्रों का कहना है कि, नोटिफ़िकेशन में यह बात लिखी गई थी कि रेलवे बोर्ड CBT-1 (NTPC) में 20 गुना रिज़ल्ट देगा, लेकिन इन्होंने एक छात्र को पांच जगह गिना. इससे यह तो हुआ कि छात्र को 20 गुना रिज़ल्ट दिया. वास्तविकता में रेलवे बोर्ड ने मात्र 10-11 गुना रिज़ल्ट दिया है.” छात्रों की माँग है कि रेलवे ‘वन स्टूडेंट-वन रिज़ल्ट’ जारी करे. छात्रों का कहना है कि पिछले बार की परीक्षा भी एकल परीक्षा हुई थी, लेकिन उस समय सीटों का बँटवारा मेन्स में हुआ था जबकि इस बार सीट का बंटवारा प्री में ही करके अच्छे प्रतिभागियों को बाहर कर दिया गया है.

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इस पूरे प्रदर्शन पर और रेलवे पर धांधली के आरोप पर रेल मंत्रालय ने प्रदर्शनकारी छात्रों को ही चेतावनी दी है. रेल मंत्रालय ने एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि “यह संज्ञान में आया है कि रेलवे की नौकरी के इच्छुक उम्मीदवार रेलवे पटरियों पर विरोध-प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में व्यवधान, रेलवे संपत्तियों को नुक़सान पहुँचाने जैसी उपद्रवी/ग़ैर क़ानूनी गतिविधियों में संलिप्त हुए हैं. इस तरह की गतिविधियां उच्चतम स्तर की अनुशासनहीनता प्रदर्शित करती हैं जो ऐसे उम्मीदवारों को रेलवे की सरकारी नौकरियों के लिए अनुपयुक्त बनाती है.”

रेल मंत्रालय ने उस नोटिस में यह भी आगे लिखा है कि ऐसी गतिविधियों के वीडियो की विशेष एजेंसी की मदद से जाँच कराई जाएगी और ग़ैरक़ानूनी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने वाले उम्मीदवार पर पुलिस कार्रवाई के साथ-साथ उन्हें रेलवे की नौकरी प्राप्त करने से आजीवन प्रतिबंधित भी किया जा सकता है.

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वहीं, रेलवे ने प्रेस रिलीज़ के माध्यम से छात्रों की बात का जवाब भी दिया है. उनकी दलील है कि जिस अभ्यार्थी ने पहले चरण में क्वॉलिफ़ाई किया है उसे दूसरे चरण के लिए मौक़ा मिलना ही चाहिए. चार पदों के लिए क्वॉलिफ़ाई करने के बावजूद अंत में कोई भी योग्य अभ्यार्थी एक ही पद पर नौकरी कर सकेगा, तो इस तरह से रिज़ल्ट बनाने में कोई दिक़्क़त नहीं है.

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छात्रों का कहना है कि, दो साल पहले ये बात बता दी गई होती तो तैयारी के लिए छात्रों को वक़्त मिलता. दो चरण में परीक्षा से उनकी मुश्किलें बढ़ जाएँगी और परिणाम आने में देर भी होगा.