केंद्र सरकार (Central Government) ने मंगलवार को सशस्त्र बलों के लिए ‘अग्निपथ’ नामक एक नई भर्ती योजना लॉन्च की है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने इस महत्वाकांछी योजना की घोषणा करते हुए कहा कि ‘अग्निपथ’ (Agneepath) योजना हमारी आर्म्ड फोर्सेस (Armed Forces) में परिवर्तन लाकर उन्हें पूरी तरह आधुनिक और अच्छी तरह से सुसज्जित बनाएगा.

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योजना की घोषणा होने के साथ ही यह देश के युवाओं के बीच चर्चा का विषय बन गई है. इसको लेकर कई जगह विवाद भी उठने लगे हैं. आइये जानते है क्या है अग्निपथ योजना और क्यों इसे लेकर युवा सवाल उठा रहे हैं.

क्या है अग्निपथ योजना 

अग्निपथ योजना भारतीय युवाओं को, बतौर ‘अग्निवीर’ आर्म्ड फोर्सेस में सेवा का अवसर देने के लिए शुरू की गई है. योजना के तहत 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को सशस्त्र बलों – सेना (Indian Army), नौसेना (Indian Navy) और वायु सेना (Indian Airforce)  में 4 साल के लिए अग्निवीर के रूप में शामिल किया जाएगा. इस साल 46,000 से अधिक अग्निवीरों की भर्ती की जाने की बात कही जा रही है.

अग्निवीरों को क्या लाभ मिलेगा-

• अग्निवीर को 30,000 रुपये से 40,000 रुपये मासिक वेतन दिया जाएगा. इस अवधि के दौरान उन्हें 48 लाख रुपये का बीमा कवर भी मिलेगा.

•अग्निवीरों को EPF/PPF की सुविधा के साथ पहले साल 4.76 लाख रुपये दिये जायेंगे.

• चौथे साल में इनका वेतन 40 हजार रुपए मासिक होगा यानी सालाना 6.92 लाख रुपये मिलेंगे.

• भत्ते के तौर पर जोखिम, राशन, वर्दी और यात्रा में उपयुक्त छूट मिलेगी.

• सेवा के दौरान विकलांग होने पर नॉन-सर्विस पीरियड की आय का ब्याज सहित भुगतान किया जायेगा और सेवा निधि को आयकर से छूट दी जाएगी.

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क्या है योग्यता –

अग्निवीरों के लिए शैक्षणिक योग्यता वही होगी, जो बल में नियमित पदों के लिए तय है. यानी कि 12 वी पास उम्मीदवार भर्ती के लिए पात्र होंगे. 4 साल का कार्यकाल खत्म होने पर लगभग 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में कम से कम 15 सालों की अवधि के लिए रीटेन किया जायेगा.

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युवाओं को रास नहीं आ रही योजना –

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मूल विवाद इस योजना की 4 साल की अवधि होने पर है. युवाओं के मन में सवाल है की चार साल की नौकरी के बाद अगर उसे नियमित नहीं किया जाता है, तब वह क्या करेगा? इसमें जो मासिक वेतन दिया जाना तय है, वह भी युवाओं को कम लग रहा है. 25 प्रतिशत अग्निवीरों को नियमित किये जाने की बात है लेकिन सिर्फ तभी जब उस वक्त पद रिक्त हों. इसे लेकर भी लोग सवाल उठा रहे हैं.