रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) NTPC लेवल 1 के रिजल्ट जारी होने के बाद छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश और बिहार के छात्र अलग-अलग जिलों में लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं जहां रेल मंत्रालय की ओर से सख्त बयान जारी करते हुए कहा गया था कि, उपद्रव करने वाले छात्रों की पहचान की जा रही है जिन पर कार्रावाई होगी और उन्हें आजीवन रेलवे की नौकरी नहीं दी जाएगी. वहीं, अब रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने छात्रों से अनुरोध किया है कि वह कानून अपने हाथ में न लें. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया है कि, उनकी नाराजगी जल्द ही दूर की जाएगी.
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रेल मंत्री ने कहा, छात्रों द्वारा उठाई गई शिकायतों और चिंताओं को लेकर गंभीर हैं और जल्द ही इस पर कार्रवाई की जाएगी. मैं अपने छात्र मित्रों से निवेदन करना चाहूंगा कि रेलवे आपकी संपत्ति है, आप अपनी संपत्ति को संभालकर रखें. पुलिस प्रशासन कानून-व्यवस्था के आधार पर काम कर रहा है, कोई भी सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ न करें.
अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि, हमें एक समाधान खोजना होगा जिन लोगों का रिजल्ट दिया गया है वह पीड़ित न हों और जिनकी शिकायते हैं उन्हें भी संबोधित किया जाएगा. उन्होंने कहा, राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बहुत संवेदनशीलता के साथ काम किया है. सारे छात्र बंधुओं से अनुरोध करूंगा कि वे अपने मुद्दों को औपचारिक तौर पर रखें, हम संवेदनशीलता के साथ विचार करेंगे. हम इस मुद्दे का जल्द से जल्द हल चाहते हैं, हम विलंब नहीं करना चाहते. कमेटी को 4 मार्च तक रिपोर्ट देनी है.
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क्या है माजरा?
रेलवे ने साल 2019 में लोकसभा चुनाव के वक्त NTPC के माध्यम से 35 हजार से अधिक पोस्टों के लिए और ग्रुप डी के लिए लगभग एक लाख तीन हज़ार पोस्टों के लिए आवेदन मंगाया. फ़रवरी-मार्च में छात्रों ने फ़ॉर्म भरा. अप्रैल-मई में नई सरकार बन गई. जुलाई तक परीक्षा लेने की संभावित तारीख़ दी गई थी. लेकिन साल 2019 में परीक्षा नहीं ली गई. बाद में दिसंबर 2020 से जुलाई 2021 के बीच देशभर में इस भर्ती के लिए पहले चरण की परीक्षा हुई. उसी परीक्षा के नतीजे 14 जनवरी 2022 को घोषित किए गए. अब इसके दूसरे चरण की परीक्षा 15 फरवरी 2022 को होनी है. लेकिन इस प्रदर्शनों के कारण इस परीक्षा को भी आगे बढ़ा दिया गया है.
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छात्रों का कहना है कि, नोटिफ़िकेशन में यह बात लिखी गई थी कि रेलवे बोर्ड CBT-1 (NTPC) में 20 गुना रिज़ल्ट देगा, लेकिन इन्होंने एक छात्र को पांच जगह गिना. इससे यह तो हुआ कि छात्र को 20 गुना रिज़ल्ट दिया. वास्तविकता में रेलवे बोर्ड ने मात्र 10-11 गुना रिज़ल्ट दिया है.” छात्रों की माँग है कि रेलवे ‘वन स्टूडेंट-वन रिज़ल्ट’ जारी करे. छात्रों का कहना है कि पिछले बार की परीक्षा भी एकल परीक्षा हुई थी, लेकिन उस समय सीटों का बँटवारा मेन्स में हुआ था जबकि इस बार सीट का बंटवारा प्री में ही करके अच्छे प्रतिभागियों को बाहर कर दिया गया है.
छात्रों का कहना है कि, दो साल पहले ये बात बता दी गई होती तो तैयारी के लिए छात्रों को वक़्त मिलता. दो चरण में परीक्षा से उनकी मुश्किलें बढ़ जाएँगी और परिणाम आने में देर भी होगा.
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