उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेशवासियों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए संपत्ति अपनों के नाम करने के लिए Gift deed (दान विलेख) में पांच हजार रुपये के स्टांप पर रजिस्ट्री (Registry) की सुविधा प्रदान की है. हालांकि इसके साथ आपको एक हजार रुपये प्रोसेसिंग शुल्क भी देना होगा. मंगलवार को योगी आदित्यनाथ कैबिनेट (Yogi Adityanath cabinet) ने स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. शुरुआती तौर पर यह लाभ छह महीने के लिए मिलेगा.

यह भी पढ़े: मध्य प्रदेश: सपा, बसपा और निर्दलीय विधायक बीजेपी में शामिल हुए

दान विलेख के दायरे में पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्री, पुत्रवधु, दामाद, सगा भाई, सगी बहन, पुत्र व पुत्री का बेटा-बेटी आएंगे. इस छूट का लाभ स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा अधिसूचना जारी होने की तिथि से दिया जाएगा. छूट के बाद राजस्व व रजिस्ट्री पर पडऩे वाले प्रभाव का अध्ययन कर समय-सीमा छह माह से आगे बढ़ाने पर भी विचार किया जाएगा.

महाराष्ट्र व कर्नाटक में पहले से है व्यवस्था –

भारतीय स्टांप अधिनियम (THE INDIAN STAMP ACT, 1899) के प्रावधानों के अधीन राज्य सरकार (State Government) चाहे तो पारिवारिक सदस्यों के बीच अचल संपत्तियों (Immovable property) के दान विलेखों पर स्टांप शुल्क में छूट दे सकती है. इसके आधार पर ही यह सुविधा देने का फैसला किया गया है. बता दें कि देश के प्रमुख राज्यों महाराष्ट्र (Maharashtra), कर्नाटक (Karnataka) व मध्य प्रदेश (MP) में यह व्यवस्था पहले से चल रही है.

यह भी पढ़े: एक्टर करणवीर बोहरा पर ठगी का आरोप, ब्याज पर लिए थे 1.99 करोड़ रुपये

राज्य सरकार उठायेगी सालाना करीब 200 करोड़ का नुकसान

वित्तीय वर्ष 2019-20 में ऐसी रजिस्ट्रियों से सरकार (Government) के स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग को 174.08 करोड़ और वर्ष 2020-21 में 174.48 करोड़ रुपये की आय हुई थी. ऐसे में राज्य सरकार को सालाना 200 करोड़ के लगभग नुकसान होने की संभावना है.

यह भी पढ़े: ‘डेढ़ साल में 10 लाख नौकरियां’, PM मोदी के वादे पर कांग्रेस ने सवाल उठाए

विवाद कम करने की कवायद –

मौजूदा समय में सभी प्रकार की रजिस्ट्रियों पर सर्किल रेट (circle rate) के आधार पर स्टांप शुल्क लगता है, जो कि बहुत ज्यादा हैं. इसके चलते परिवार के सदस्य बहुत जरूरी होने पर ही संपत्तियों की रजिस्ट्री कराते हैं, जिससे उन्हें स्टांप शुल्क न देना पड़े. ऐसे में कई बार विवाद की स्थिति भी पैदा हो जाती है. यह छूट देकर सरकार ऐसे विवादों को कम करने की कवायद कर रही हैं.