पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बाजार का डिजिटलीकरण देखा गया है, फिर भी हमें कई बार नकदी की जरूरत होती है. अब, नकद प्राप्त करने का केवल एक ही तरीका है और वह है एटीएम से निकासी, जो इन शर्तों में सबसे अधिक उपयोगकर्ता के अनुकूल उपकरण है. लेकिन, क्या होगा यदि एटीएम से नोट किनारों या कोनों से फटे हुए निकले?

हम एक बात पक्के तौर पर जानते हैं कि बाजार में इस नोट को कोई स्वीकार नहीं करेगा. लेकिन आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि अब आप उन्हें एक्सचेंज करवा सकते हैं.

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अगर आप एटीएम में खड़े हैं और कैश निकासी के बाद खराब नोट हाथ लगे हैं तो सीसीटीवी के सामने नोटों को गिनती करें. इस दौरान आपको फटे-गले नोटों को सीसीटीवी के सामने दिखाना चाहिए. इसके बाद आप बैंक में जाकर अपनी शिकायत रख सकते हैं. बैंक आपकी सीसीटीवी फुटेज देखेगा और आपकी मदद करेगा.दरअसल रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दिसंबर 2011 में कहा था कि एटीएम में खराब नोटों के लिए बैंक जिम्मेदार हैं. रिजर्व बैंक के एक्सचेंज करेंसी नियम 2017 के तहत अगर आपको एटीएम से फटे नोट मिले हैं तो यह बैंक की जिम्मेदारी है कि उस नोट को बदलकर दूसरा नोट दे. इसमें बहुत ज्यादा समय नहीं लगता है.

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कटे-फटे नोटों को बदलने के लिए आपको उस बैंक में आवेदन करना होगा जिसके एटीएम से नकदी निकाली गई है. आपको उस एटीएम की तारीख, समय और स्थान का उल्लेख करना होगा जहां से आपने पैसे निकाले थे और साथ ही निकासी पर्ची भी साथ जमा करनी होगी. अगर आपके पास पर्ची नहीं है तो आपको अपने मोबाइल पर आए मैसेज की डिटेल देनी होगी.

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RBI का क्या कहना है?

नोट अच्छी हालत में रहें, इसके लिए RBI ने 1999 में क्लीन नोट पॉलिसी शुरू करते हुए लोगों से कहा कि वो नोटों पर कुछ भी लिखना बंद कर दें. फिर 2002 में बैंकों से कहा कि वो नोटों की गड्डी में कांटा लगाने के बजाय बैंड लगाएं. फिर जुलाई 2013 में RBI ने कहा कि अगर नोट पर कोई पॉलिटिकल नारा या मेसेज़ (जैसे सोनम गुप्ता बेवफा है) लिखा होगा, तो उस नोट की वैल्यू खत्म हो जाएगी. इस निर्देश से मार्केट में भसड़ मची, तो 2014 में RBI ने कहा कि लिखे वाले नोट चलाए रखो. मार्च 2017 RBI ने फिर क्लियर किया कि लकीरों वाले या लिखे हुए नोट लीगल हैं.

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SBI का क्या कहना है?

एसबीआई के अनुसार, कोई व्यक्ति सामान्य बैंकिंग//नकद संबंधित श्रेणी के तहत https://crcf.sbi.co.in/ccf/ पर इसके बारे में शिकायत दर्ज कर सकता है. यह लिंक भारतीय स्टेट बैंक के एटीएम के लिए है. विशेष रूप से, कोई भी बैंक एटीएम से कटे-फटे नोटों को बदलने से मना नहीं कर सकता है.साथ ही इसके बावजूद अगर बैंक नियमों का उल्लंघन करते हैं तो बैंक कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. ग्राहक की शिकायत के आधार पर बैंक को 10,000 रुपये तक का हर्जाना भी देना पड़ सकता है.

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