विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई यानी आज के दिन ही मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने के पीछे एक सबसे बड़ा कारण लोगों को जागरूक करना है कि एक स्वस्थ पर्यावरण ही मानव जाति को बनाए रख सकता है. हमें विकास करना है लेकिन पर्यावरण को बचाए रखते हुए.

इसके साथ ही इसका मुख्य उद्देश्य उन जानवरों और पेड़ों को संरक्षित करना है जो दुनिया में विलुप्त होने कि कगार पर पहुंच गए हैं.  

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विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस का महत्व

हमारी पर्यावरण की रक्षा के लिए संसाधनों का संरक्षण भी उतना ही अहम है. अगर हम पृथ्वी का संतुलन और खूबसूरती को बनाए रखना चाहते हैं तो यह ज़रूरी है कि जल, वायु, मिट्टी, ऊर्जा, वनस्पति, खनिज, जीव-जंतुओं आदि को संरक्षित किया जाए. रूस के एक प्रसिद्ध लेखक लियो टॉलस्टॉय का कहना है कि, “खुशी की पहली शर्तों में से एक यह है कि मनुष्य और प्रकृति के बीच की कड़ी को नहीं तोड़ा जाना चाहिए.”

विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के मौके पर लोगों को वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए, प्राकृतिक  संसाधनों को संरक्षण करने के नए-नए उपाय खोजने चाहिए. आज हम औद्योगिक विकास की होड़ में पृथ्वी को सफाई और उसके स्वास्थ्य को नजरअंदाज करने लगे हैं. हम कुछ भी करने से पहले यह बिलकुल नहीं सोचते कि इससे प्रकृति को कितना नुकसान हो सकता है.

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विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस के इतिहास के बारे में ज्यादा कुछ जानकारी नहीं हैं लेकिन 28 जुलाई को मनाने के पीछे उद्देश्य मनुष्य को याद दिलाना है कि प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक यूज से ग्लोबल वार्मिंग, विभिन्न बीमारियों, प्राकृतिक आपदाओं, बढ़े हुए तापमान आदि का सामना मनुष्य को ही करना पड़ेगा.

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