हाईवे पर बने टोल नाकों पर अक्सर फ्री निकलने को लेकर विवाद होते देखना आम बात हैं. लेकिन आप सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक भोपाल बायपास पर बने 11 मील और मुबारकपुर टोल से निकल रहे है तो यहां आपकी दबंगता नहीं चलेगी… चाहे आप स्थानीय नागरिक बताकर टैक्स देने से इंकार करने वाले हो या फिर नेतागिरी की धौंस दिखाकर पैसे नहीं देने वाले हो यहां आपको पर्ची कटाना ही पड़ेगी. ऐसा इसलिए क्यों की यहां की कमान महिलाओं के हाथ में हैं.

यह भी पढ़ेंः महाराष्ट्र में एक महीने में पहली बार 50 हजार से कम कोरोना के मामले

टोल संचालन करने वाली कंपनी एसएस मल्टी सर्विस के संचालक पंकज शुक्ला के अनुसार यह प्रयोग देश के 33 और मध्य प्रदेश के 7 टोल नाकों भोपाल, मिर्जापुर, शहडोल, छिंदवाड़ा आदि जगह किया है. महिलाओं की ड्यूटी दिन में रहती है. सुबह 9 से शाम 6 बजे यह लोग ड्यूटी करती हैं. महिलाएं भी इस नौकरी से खासी खुश हैं. शुक्ला बताते हैं कि महिलाएं अपने काम के प्रति बहुत समर्पित होती हैं.

सबसे बड़ी बात यह कि महिलाओं से कोई भी बहस नहीं करता, जबकि पुरुषों के साथ हाथा-पाई करने से भी नहीं चूकते.

अब यदि आप शहर के मुबारकपुर और 11 मील टोल से निकलेंगे तो आपका सामना महिला शक्ति से होगा. यहां पर्ची बनाने से लेकर इमरजेंसी वाहनों को रास्ता दिखाने और सुपरविजन करने का काम भी महिलाएं कर रही हैं.

यह भी पढ़ेंः राजधानी दिल्ली में IPL मैच रोकने के लिए हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका

दोनों टोल पर एक महीने से 21 महिलाकर्मी मोर्चा संभाले हैं. 11 मील टोल पर सुपरविजन करने वालीं संध्या विश्वकर्मा बताती हैं कि अन्य नौकरियों की अपेक्षा यहां वेतन अच्छा मिल रहा है. कंपनी ने घर से लाने और छोड़ने के लिए वाहन अलग से दिया है. अभी यहां फास्ट टैग व्यवस्था नहीं है.

यह भी पढ़ेंः UP में 6 मई की सुबह 7 बजे खुलेगा कोरोना कर्फ्यू, योगी सरकार ने लिया फैसला