सौरमंडल एक जटिल विषय है. विज्ञान हर वक्त इसे जानने की कोशिश में लगा है. हालांकि, सौरमंडल से जुड़ी बातों को जानने में वैज्ञानिक सफल भी हुए हैं. ऐसे ही सौरमंडल की घटना से हमारा पृथ्वी भी बना है. हालांकि पृथ्वी के निर्माण के अलग-अलग थ्योरीज है. वहीं, उल्का पिंड की वजह से पृथ्वी पर विनाश भी हुए हैं. इससे पृथ्वी पर काफी सारे बदलाव हुए हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि उल्कापिंड की वजह से ही धरती से डायनासोर जैसे जीव गायब हो गए. इसके बाद भी उल्कापिंड के गिरने की कई कहानियां है. हालांकि, ये सच भी है कि उल्कापिंड पृथ्वी से टकराती रहती है. लेकिन जब एक बड़ा उल्कापिंड पृथ्वी से टकराता है तो उथल-पुथल मच जाती है. ऐसे कई मौके आए हैं जब बड़े उल्कापिंड पृथ्वी से टकराते-टकराते बचे हैं.
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हाल में भी कोरोना महामारी के दौर में भी वैज्ञानिकों ने अलर्ट जारी कर उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने की बात कही थी. लेकिन वह पृथ्वी के पास से गुजर गए. क्योंकि वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में नहीं आ सके. अब एक बार फिर नासा के अनुसार 21 अगस्त शनिवार को एक विशालकाय उल्कापिंड पृथ्वी के नजदीक पहुंच रहा है जो पृथ्वी से टकरा सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि ये उल्कापिंड दुबई के बुर्ज खलीफा से भी बड़ा है. ये शनिवार को पृथ्वी के बहुत ही ज्यादा पास से गुजरेगा जिससे धरती पर उथल-पुथल मच सकती है.
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लगभग 58 हजार किलोमीटर की रफतार से बढ़ रहा है
नासा की एक रिपोर्ट के अनुसार ये उल्कापिंड एक हजार पत्थरों का समूह है. जिसका नाम “2016 AJ193” दिया गया है. ये उल्कापिंड पृथ्वी की तरफ 58 हजार 538 mph की गति से बढ़ता चला आ रहा है. नासा के अनुसार जिस स्पीड से ये बढ़ रहा है, उसके हिसाब से उल्कापिंड पृथ्वी से आज यानी 21 अगस्त को पृथ्वी से टकरा सकता है.
इसपर कुछ साइंटिस्ट का कहना है कि अगर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल का असर पत्थर पर हुआ तो ये धरती से टकरा सकता है. वरना पत्थर पृथ्वी के पास से गुजर जाएगा.
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