हिंदू धर्म में शंकर भगवान को सबसे श्रेष्ठ माना गया है इसलिए उन्हें देवों में देव महादेव कहते हैं. भगवान शंकर जितने भोले हैं उतने ही क्रोध वाले भी हैं. उनका अस्तित्व उन्हें पूजने वाले बता सकते हैं क्योंकि महादेव की पूजा का फल वे अपने भक्तों को जरूर देते हैं. साथ ही अगर आप उन्हें सच्चे दिल से पुकारो तो सदैव आपके साथ रहते हैं. मगर भगवान शंकर की पूजा में कुछ चीजों को वर्जित बताया गया है उनमें से एक हल्दी है लेकिन ऐसा क्यों है चलिए जानते हैं.

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भगवान शंकर को क्यों नहीं चढ़ाते हैं हल्दी?

हर जिंदगी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भगवान शंकर सभी मोहमाया से परे हैं और उन्हें खुश करने के लिए फूल, फल, सुगंध, लेप या हल्दी की जरूरत नहीं. बल्कि उन्हें भांग, धतूरा, बेलपत्र, चंदन का लेप, भस्म और कच्चे दूध की आवश्यकता होती है. ऐसी भी मान्यता है कि भगवान शंकर के पूजन में किसी भी महंगी चीज का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और मुख्य रूप से वे भोलेभाले सादगी में जीते हैं और उन्हें सादगी ही पसंद है.

महंगी चीजों में हल्दी भी आती है और वे इन सब चीजों से बचते हैं क्योंकि महादेव जोगी हैं और हमेशा साज-सज्जा से दूर रहते हैं. ऐसी भी मान्यता है कि शिवजी को हल्दी चढ़ाने से वे रुष्ट हो जाते हैं और उस पूजा का फल नहीं मिलता है.

भगवान शंकर की पूजा.

फिर भी अगर सीधी बात करें तो भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए किसी चीज की जरूरत नहीं होती है. बस मन में सच्ची आस्था और एक ऐसा विश्वास लेकर जाओ कि महादेव सब पूरा करेंगे उसके बाद सबकुछ महादेव के चरणों में डाल दो. महादेव को प्रसन्न करना बहुत आसान होता है बस उस साधना में आपकी पवित्र श्रद्धा हो, उसके बाद आपको किसी चीज से उन्हें प्रसन्न करने की जरूरत नहीं होती है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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