मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव अगले साल यानी 2023 में होनेवाले हैं. इससे पहले कांग्रेस ने बड़ा फैसला लिया है. कांग्रेस के इस फैसले के तहत पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने डॉ गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष का पद सौंपा है. गोविंद सिंह सात बार से विधायक हैं. उन्हें लंबे समय से नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की मांग चल रही थी. हालांकि, कमलनाथ मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे.

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एआइसीसीआई ने सीधे भोपाल पत्र भेजकर डॉ गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाने का ऐलान किया. डॉ. गोविंद सिंह के नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमलनाथ ने पार्टी के एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के तहत विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से त्यागपत्र देने की पेशकश की थी. कमलनाथ पर लम्बे समय से दो में से एक पद छोड़ने का दबाव बना हुआ था.

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अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने बृहस्पतिवार को कमलनाथ को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष (सोनिया गांधी) ने कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) मध्य प्रदेश के नेता पद से आपका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है.’’

आपको बता दें, डॉ. गोविंद सिंह भिंड जिले की लहार विधानसभा सीट से विधायक हैं. वे लगातार सातवीं बार विधायक चुनकर आए हैं. 1990 में पहली बार विधायक चुने गए. इसके बाद से वह कभी चुनाव नहीं हारे. डॉ. गोविंद सिंह दिग्विजय सिंह के पहले कार्यकाल में 1997 में उत्कृष्ट विधायक चुने गए थे. इसके बाद भाजपा सरकार बनने पर कांग्रेस पार्टी के विधायक दल के मुख्य सचेतक बनाए गए थे.

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आपको बता दें, साल 2023 में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है. अभी चुनाव होने में करीब एक साल का वक्त है लेकिन कांग्रेस इसकी तैयारी में जुट गई है.