गणतंत्र दिवस के दिन किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा पर बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कांफ्रेस की और अपना पक्ष रखा. किसान संगठनों ने दिल्ली में हुई हिंसा का जिम्मेदार सरकार द्वारा रची गई साजिश को ठहराया. 

किसान नेता दर्शन पाल ने एक संवाददाता सम्मेलन में पुलिस पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाते हुए कहा, “ट्रैक्टर परेड सरकारी साजिश से प्रभावित हुई थी. दीप सिद्धू आरएसएस का व्यक्ति है. पुलिस ने लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराने के बाद उसे जाने दिया.” पाल ने कहा, “हमने एक फरवरी को बजट के दिन संसद मार्च की अपनी योजना रद्द कर दी है. लेकिन हमारा आंदोलन जारी रहेगा और 30 जनवरी को देशभर में जनसभाएं और भूख हड़ताल की जाएंगी.”

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अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा, “किसान आंदोलन को पहले दिन से ही बदनाम करना शुरू किया गया. 70 करोड़ किसान जो मेहनत कर देश को अन्न देता है वह देशद्रोही है, इस तरह देशद्रोही बोलने की हिम्मत किसकी होती है, जो देशद्रोही होता है, वही किसानों को देशद्रोही बोलते हैं.”

भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा, “कल दिल्ली में ट्रैक्टर रैली काफी सफलतापूर्वक हुई. अगर कोई घटना घटी है तो उसके लिए पुलिस प्रशासन ज़िम्मेदार रहा है. कोई लाल किले पर पहुंच जाए और पुलिस की एक गोली भी न चले. यह किसान संगठन को बदनाम करने की साजिश थी. किसान आंदोलन जारी रहेगा.”

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