श्याम चरण मुर्मू (Shyam Charan Murmu) का निधन हो गया है, वह द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) के पति थे. दोनों के दो बेटे और एक बेटी है. द्रौपदी मुर्मू के पति के साथ उनके दोनों बेटों का भी निधन हो गया है. द्रौपदी मुर्मू के पति का निधन 2014 में हार्ट अटैक के चलते हुआ था. बेटे लक्ष्मण मुर्मू का निधन 2009 में और दूसरे बेटे सिपुन का निधन 2013 में हुआ था. द्रौपदी मुर्मू की बेटी का नाम इतिश्री मुर्मू है. 

द्रौपदी मुर्मू ने अपने पति और 2 बेटों के निधन के बाद उनकी याद में ओडिशा के पहाड़पुर में एसएलएस (श्याम, लक्ष्मण और सिपुन) मेमोरियल रेजिडेंशियल स्कूल बनवाया है. 

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कौन हैं द्रौपदी मुर्मू 

द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा (Odisha) के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था. उनके पिता बिरंची नारायण टुडू आदिवासी संथाल परिवार से ताल्लुक रखते हैं. मुर्मू ने शादी के कुछ ही सालों बाद अपने पति और 2 बेटों को खो दिया. उन्होंने घर चलाने और बेटी को पढ़ाने के लिए एक टीचर के रूप काम करना शुरू किया. इसके बाद ओडिशा के सिंचाई विभाग में एक कनिष्ठ सहायक यानी क्लर्क के पद भी नौकरी की. 

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पार्षद चुनाव जीतकर आई थी राजनीति में

द्रौपदी मुर्मू ने साल 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में जीत दर्ज कर अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. उन्होंने भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है इसके साथ ही मुर्मू भाजपा की आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रहीं है. 

बीजेपी विधायक और मंत्री रही है मुर्मू 

ओडिशा के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से 2000 और 2009 में बीजेपी के टिकट पर दो बार विधायक बनीं. ओडिशा में नवीन पटनायक के बीजू जनता दल और भाजपा गठबंधन की सरकार में द्रौपदी मुर्मू को 2000 और 2004 के बीच वाणिज्य, परिवहन और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन विभाग में मंत्री बनाया गया.

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झारखंड की पहली महिला राज्यपाल है मुर्मू

मई 2015 में उन्हें झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनाया गया. झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का खिताब भी द्रौपदी मुर्मू के नाम रहा. किसी भी भारतीय राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी महिला होने का गौरव भी इनके पास हैं.