पिंगली वैंकैया जी (Pingali Venkayya) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी
थे और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी (Mahatma Gandhi) के अनुयायी थे. भारत के राष्ट्रीय ध्वज को डिजाइन (National Flag Design) करने वाले महान विभूति पिंगली वेंकैया (Pingali Venkayya) का जन्म 02
अगस्त, 1876 को आंध्र
प्रदेश के मछलीपट्टनम शहर के पास भाटलापेनुमरु में हुआ था. जो कि वर्तमान में
आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में मौजूद है.
रिपोर्ट की माने तो, पिंगली वैंकैया के माता पिता का नाम हनुमंथा रायडू और वेंकट रतनम्मा था. उनका जन्म तेलुगु ब्राह्मण परिवार में हुआ. उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी कर स्नातक करने के लिए कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय चले गए. वहां से लौटने
के बाद उन्होंने ब्रिटिश भारतीय सेना में बतौर सैनिक भर्ती हो गए. जिसके बाद उन्हें युद्ध
में लड़ने के लिए दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा. दक्षिण अफ्रीका में ही वह ब्रिटिश
सैनिकों के बीच राष्ट्रीयता भावना से काफी प्रभावित हुए और उनके अंदर राष्ट्रप्रेम
की भावना जागृत हो गई. जिसके बाद उन्होंने भारत को राष्ट्रध्वज तिरंगा की भेंट दी
.
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भारत को दी राष्ट्रीय ध्वज की सौगात
जहां उस समय भारत पर अपने प्राण तक न्यौछावर
करने वाले तमाम महान विभूतियों ने अलग अलग तरह से भारत को अपना योगदान दिया. इसी
क्रम में पिंगली वैंकैया जी ने राष्ट्रीय ध्वज के कई मॉडल डिजाइन किए थे. आजतक की
एक रिपोर्ट की मानें, तो 1921 में,
महात्मा गांधी ने विजयवाड़ा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक
में एक डिजाइन को मंजूरी दी. जिसमें वैंकैया जी के द्वारा प्रस्तुत संस्करण में दो
धारियां (हरी और लाल) और केंद्र में गांधीवादी चरखा डिजाइन किया गया था. वहीं गांधी
जी के सुझाव पर उन्होंने शीर्ष पर एक सफेद पट्टी जोड़
दी और इस तरह से हमें हमारा राष्ट्रध्वज देने में पिंगली वैंकैया जी का अहम योगदान
रहा था.
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1963 में हुई थी मृत्यु
पिंगली वैंकैया जी की मृत्यु की अगर बात करें,
तो उनकी मृत्यु 4 July 1963
को विजयवाड़ा में 86 वर्ष की उम्र में गरीबी और गुमनामी में हुई थी. भारत में उनके सम्मान में 2009 में एक टिकट भी जारी किया गया था. इसके साथ ही सन् 2014 में ऑल
इंडिया रेडियो के विजयवाड़ा स्टेशन का नाम उनके नाम पर रखा गया था. पिंगली वैंकैया
जी का नाम भारत रत्न के लिए भी प्रस्तावित किया गया था. हर वर्ष राष्ट्रीय पर्व के
मौके पर उन्हें सम्मानपूर्वक याद किया जाता है.