Who was Atal Bihari Vajpayee: जब भी भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों का नाम लिया जाता है तो उसमें अटल बिहारी बाजपेयी का नाम जरूर होता है. उन्होंने राजनीति में जो मुकाम हासिल किया वो सराहनीय रहा और उन्हें विपक्ष दल के नेता भी मानते थे. अटल जी (Atal Ji) की बातों को संसद में सुना जाता था और उनका कुछ भी कहने का तरीका उन्हें दूसरे नेताओं से बिल्कुल अलग बनाता था. अटल बिहारी बाजपेयी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता थे लेकिन दूसरी पार्टी के लोगों से भी उनके संबंध अच्छे रहे. अटल जी को ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया था.

यह भी पढ़ें: कौन हैं संध्या देवनाथन?

कौन थे अटल बिहारी वाजपेयी? (Who was Atal Bihari Vajpayee)

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में हुई लेकिन उन्होंने विक्टोरिया कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री ली. इसके बाद कानपुर के DAV College से राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) किया. इसके अलावा अटल जी ने कानपुर से ही लॉ की पढ़ाई भी की थी. अटल बिहारी वाजपेयी और उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी ने एक साथ लॉ की पढ़ाई की. दोनों एक ही क्लास में थे और दोनों हॉस्टर में रूममेट भी थे. ये बात अपने आप में एक रिकॉर्ड कायम कर गई और ये सिद्ध हुआ कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती है.

यह भी पढें: कौन हैं इयान वुलफोर्ड?

साल 1939 में अटल जी RSS से जुड़े लेकिन पार्ट टाइम में यहां जाते थे. वहीं 1947 तक अटल जी ने आरएसएस फुल टाइम के लिए ज्वाइन कर लिया था. इसके अलावा ब्रिटिश सरकार के खिलाफ ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ में यह शामिल हुए थे, जहां से अटल जी को उनके बड़े भाई के साथ गिरफ्तार किया गया था. साल 1953 में अटल जी भारतीय संघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ अनशन पर बैठे थे. उनकी मांग थी कि कश्मीर को भारतीय जनसंघ में मिलाया जाए.

यह भी पढ़ें: कौन थीं Kalyani Kurale Jadhav?

अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीति करियर (Political career of Atal Bihari Vajpayee)

साल 1980 में अटल जी को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया. अटल जी 10 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा सांसद रहे. अटल जी एकमात्र ऐसे सांसद थे जो दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से सांसद बने.

16 मई, 1996 को अटल जी ने देश के 10वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी लेकिन इनको संख्या बल के आगे त्याग पत्र देना पड़ा था. 19 मार्च, 1998 अटल जी एक बार फिर प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई. इसके बाद साल 1999 में अटल जी तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लिए. साल 1997 में जनता पार्टी सरकार से विदेश मंत्री बन गए और संयुक्त संघ के एक सत्र में अटल जी ने हिंदी में भाषण दिया था.

यह भी पढ़ें: कौन थे तेलुगू एक्टर कृष्णा?

पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध बनाने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी ने 19 फरवरी 1999 को दिल्ली से लाहौर तक सदा-ए-सरहद नाम की एक बस सेवा शुरू की थी. इता ही नहीं उन्होंने इसपर यात्रा भी की थी.

अटल बिहारी वाजपेयी की उपलब्धियां (Achievements of Atal Bihari Vajpayee)

साल 1971 में जब बांग्लादेश का विभाजन हो रहा था तब इंदिरा गांधी ने जो भूमिका निभाई, उससे अटल जी बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने इंदिरा गांधी को ‘साक्षात दुर्गा’ की उपाधि दी थी.

साल 1992 में अटल जी को पद्म विभूषण, साल 1994 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार, श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार और गोविंद वल्लभ पंत जैसे पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं. साल 2014 में अटल जी को देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया.

यह भी पढ़ें: कौन हैं पश्मीना रोशन? कार्तिक आर्यन की रयूमर्ड गर्लफ्रेंड

अटल बिहारी बाजपेयी (Poems of Atal Bihari Vajpayee)

अटल जी एक बेहतरीन लेखक भी थे और इन्होंने कई सारी पुस्तकें भी लिखीं. कविताओं से अटल जी का लगाव रहा है और संसद हो या कोई भाषण उनकी कविता उसमें जरूर शामिल होती थी. अटल जी की दो मासिक पत्रिकाएं ‘राष्ट्रधर्म’ और ‘पांचजन्य’ के संपादक भी थे, इसके साथ ही दैनिक समाचार पत्र ‘स्वदेश’ और ‘वीर अर्जुन’ के भी संपादक थे.

यह भी पढ़ें: कौन हैं पंकज त्रिपाठी?

अटल बिहारी बाजपेयी का निधन (Death)

अटल बिहारी बाजपेयी साल 2010 के बाद से राजनीति में एक्टिव नहीं रहे. उनकी अक्सर तबीयत खराब रहती थी और उनके साथ हमेशा एक डॉक्टर रहता था. लंबे समय की बीमारी से जूझने के बाद अटल जी का निधन 16 अगस्त, 2018 को AIIMS में हो गया था