गुजरात एटीएस की टीम ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) को हिरासत में ले लिया है. एक दिन पर गुजरात दंगा 2002 मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जाकिया जाफरी की याचिका खारिज की और तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ (NGO) की जांच की और जरूरत बताई थी. इसके बाद सीतलवाड़ के खिलाफ एटीएस ने महत्वपूर्ण एक्शन लिया.

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तीस्ता सीतलवाड़ का नाम इस घटना से जुड़ा है 2002 में हुई गुजरात गुलबर्ग सोसाइटी की घटी थी. इसमें एक ट्रेन में आग लगने से कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 68 लोग मारे गए थे. घटना के एक दशक बाद साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी की रिपोर्ट में सबूत नहीं मिलने के बाद नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं और अधिकारियों को बरी कर दिया था. एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी.

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तीस्ता सीतलवाड़ कौन हैं

सिटीजन फॉर जस्टिस एंड पीस (CJP) नाम की एनजीओ की सचिव तीस्ता सीतलवाड़ हैं. इसे साल 2002 में गुजरात दंगों के पीड़ितों की वकालत करने के लिए बनाई गई एक संस्था है. ये संस्था सह याचिकाकर्ता है जो 2002 के गुजरात दंगों में कथित संलिप्तता के लिए नरेंद्र मोदी और कई अन्य राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग कर रही है.

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तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने 2007 से बड़े पैमाने पर धन संग्रह अभियान शुरू करके दंगा पीड़ितों के नाम पर 6 करोड़ रुपये से 7 करोड़ रुपये तक की धनराशि एकत्र करके धोखाधड़ी को अंजाम दिया. कोर्ट का यह आरोप लगाया गया था कि दान के माध्यम से जुटाए गए इन फंडों को युगल द्वारा शराब और विशिष्ट उपभोग के अन्य लेखों पर खर्च किया. तीस्ता के खिलाफ एक और आरोप यह है कि उन्होंने विदेशी मुद्रा कानूनों का उल्लंघन किया और 2009 में यूएस-आधारित फोर्ड फाउंडेशन द्वारा अपने एनजीओ को दान किए गए धन का दुरुपयोग किया.