पानाचंद मेघवाल (Panachand Meghwal) इंडियन नेशनल कांग्रेस (Congress) के नेता हैं और राजस्थान विधानसभा के सदस्य हैं. वह बारां-अटरू (Baran-Atru) विधानसभा से विधायक हैं. अगस्त 2022 में दलितों के खिलाफ उत्पीड़न के मामलों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर उन्होंने अपनी सरकार (कांग्रेस की गहलोत सरकार) के खिलाफ जाकर अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दिया. पानाचंद मेघवाल खुद भी दलित समुदाय से आते हैं. 

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बारां-अटरू विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र राजस्थान के 200 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. ये बारां जिले का हिस्सा है और ये सीट अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के पाना चंद मेघवाल की जीत हुई. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बाबू लाल वर्मा को करीब 12 हजार मतों से हराया था. 2013 से 2018 तक इस सीट पर बीजेपी के रामपाल विधायक थे. उससे पहले 2008 से 2013 तक पाना चंद ही विधायक थे. 

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पानाचंद मेघवाल का जन्म 5 जून 1974 को हुआ था. उनके पिता का नाम किशोरीलाल है. पाना चंद राजस्थान के कंवरपुरा के निवासी हैं. 

पानाचंद ने अगस्त 2022 में अपनी विधायकी से इस्तीफा देते हुए ट्वीट किया था, “राजस्थान में बढ़ रहे दलित वंचित वर्ग के विरोध में विधायक के पद से त्याग पत्र देता हूं. मेरे लिए पार्टी और पद से कई ज्यादा महत्वपूर्ण मेरा वंचित शोषित समाज है. जय भीम.” साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक चंद गहलोत को लिखा त्यागपत्र भी ट्वीट में लगाया था.

विधायक पानाचंद मेघवाल ने अपने त्याग पत्र में में लिखा कि प्रदेश में दलित और वंचितों को मटकी से पानी पीने के नाम पर तो कहीं घोड़ी पर चढ़ने और मूंछ रखने पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है. जांच के नाम पर फाइलों को इधर से उधर घुमाकर न्यायिक प्रक्रिया को अटकाया जा रहा है. पिछले कुछ सालों से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में दलितों और वंचितों के लिए जिस समानता के अधिकार का प्रावधान किया था, उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है.