बिहार(Bihar) में बनी नीतीश सरकार (Nitish Government) में 16 अगस्त को
कैबिनेट का विस्तार किया गया. जिसमें कि 31 विधायकों को मंत्री बनाया गया. इस
दौरान शपथ लेने वाले इन मंत्रियों में लालू यादव (Lalu Yadav) की पार्टी आरजेडी के कार्तिकेय
सिंह (Kartikeya Singh) भी शामिल रहे. जिनको कि बिहार की नीतीश सरकार में कानून मंत्री की कमान सौंपी
गई है. आपको बता दें कि बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह (Bihar Law Minister) के खिलाफ 16 अगस्त
को कोर्ट ने सरेंडर करने का वारंट जारी किया था और उसी दिन उन्हें कानून मंत्री
बना दिया गया. जबकि बिहार के कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह को उसी दिन कोर्ट में
सरेंडर करना था.

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कौन हैं कार्तिकेय सिंह ?

2022 में पहली बार MLC बनने वाले और अनंत सिंह के बेहद खास
माने जाने वाले कार्तिकेय मोकामा (Mokama) के रहने वाले हैं, उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिकेय कुमार एक शिक्षक भी रह चुके
हैं. जिसके चलते वह अपने समर्थकों के बीच ‘कार्तिकेय मास्टर’ (Kartikeya Master) के नाम से मशहूर हैं. बताया जाता है कि बाहुबली अनंत सिंह (Bahubali Anant Singh) भी इन्हें
मास्टर साहब (Master Sahab) कहकर बुलाते हैं. अनंत सिंह  के जेल में रहने के दौरान कार्तिकेय ही
मोकामा से लेकर पटना (Patna) तक उनका सारा कामकाज देखते हैं.

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नीतीश सरकार में कानून मंत्री बनने के बाद से
तमाम विपक्षी दल उन पर निशाना साध रहे हैं. इसी क्रम में  सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने राजद नेता कार्तिकेय सिंह
पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट है, तो उन्हें
सरेंडर कर देना चाहिए था. लेकिन उन्होंने कानून मंत्री के रूप में शपथ ली है. मैं
नीतीश से पूछता हूं कि क्या वह बिहार को लालू के जमाने में वापस ले जाने की कोशिश
कर रहे हैं? सुशील
मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री (Chief Minister) जब किसी को शपथ दिलवाते हैं, तो उसका पहले पुलिस
वेरिफिकेशन (Police Verification) होता है. जिसके तहत उसकी पूरी जांच पड़ताल की जाती है. ऐसे में बीजेपी
नेता ने कहा कि कार्तिकेय सिंह को तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिए.