भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) एन वी रमणा (N. V. Ramana) 26 अगस्त 2022 को रिटायर हो रहे हैं. अपने बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया का पद संभालने के लिए उन्होंने जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice Uday Umesh Lalit) के नाम की सिफारिश की है. अगर उनकी सिफारिश मान ली जाती है तो जस्टिस यू यू ललित देश के अगले CJI बनेंगे. हालांकि उनका कार्यकाल मात्र 74 दिनों का होगा. जल्द ही भारत को अपना 49वां मुख्य न्यायाधीश जस्टिस उदय उमेश ललित के रूप में मिल सकता है. आइये जानते हैं कौन हैं जस्टिस UU Lalit और कैसा रहा है उनका अब तक का करियर.

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कौन हैं जस्टिस उदय उमेश ललित?

जस्टिस ललित का जन्म 9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र में हुआ था. वह जून 1983 से बार में शामिल हुए. उन्होने दिसंबर, 1985 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस की, इसके बाद 1986 से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहे हैं. ‘आजतक’ की खबर के अनुसार उन्होंने 1986 से 1992 तक पूर्व अटॉर्नी-जनरल, सोली जे. सोराबजी के साथ काम किया. अप्रैल, 2004 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया था.

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जस्टिस ललित को दो कार्यकालों के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय की कानूनी सेवा समिति का सदस्य बनाया गया और 13 अगस्त 2014 को वे भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त किए गए. जस्टिस ललित इस समय सुप्रीम कोर्ट के दूसरे वरिष्ठतम जज हैं.

जस्टिस ललित ने सलमान खान काला हिरण केस सहित कई चर्चित मामलों की पैरवी की है

जस्टिस ललित ने अपने वकालत करियर में कई चर्चित मामलों की पैरवी की है. वे अभिनेता सलमान खान की तरफ से काला हिरण शिकार मामले पैरवी कर चुके हैं. इसके साथ ही वह भ्रष्टाचार मामले में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति फर्जी एनकाउंटर मामले में देश के वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) का पक्ष रख चुके हैं.

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उन्होंने पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह की जन्मतिथि से जुडे़ मामले में पैरवी की है. अयोध्या के राम मंदिर व बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर सुनवाई कर रही तत्कालीन चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ में जस्टिस यूयू ललित भी शामिल थे लेकिन बाद में जस्टिस यूयू ललित ने खुद अपने आप को इस केस से अलग कर लिया था.