भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh Chaudhary) का जन्म 1966 में मुरादाबाद जिले के थाना छलजैट इलाके के ग्राम महेंद्री सिकंदरपुर में हुआ था. भूपेंद्र सिंह चौधरी की शुरुआती शिक्षा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में हुई और इसके बाद उन्होंने मुरादाबाद के आरएन इंटर कॉलेज से 12वीं कक्षा पास की. बता दें कि भूपेंद्र छात्र जीवन में ही विश्व हिंदू परिषद से जुड़ गए थे और फिर 1991 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की.

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इसके 2 साल बाद 1993 में वह भाजपा की जिला कार्यकारिणी के सदस्य बन गए थे. फिर 2006 में उन्हें भाजपा के मुरादाबाद का क्षेत्रीय मंत्री बनाया गया. इसके बाद 2012 में वह पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष बन गए थे. इसके बाद साल 2016 में भूपेंद्र सिंह चौधरी को भाजपा ने एमएलसी नामित किया. इसके बाद 2017 में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो भूपेंद्र सिंह चौधरी को पंचायती राज का अध्यक्ष बनाकर राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया.

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एशियानेट न्यूज हिंदी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1999 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने भूपेंद्र सिंह को लोकसभा का टिकट देकर संभल से चुनावी मैदान में उतारा था. इस चुनाव में भूपेंद्र सिंह को पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से हार का सामना करना पड़ा था. इस चुनाव में हार के बाद भी बीजेपी ने उन पर अपना भरोसा कायम रखा.

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इस विश्वास का असर विधानसभा चुनाव में भी साफ देखने को मिला. बता दें कि भूपेंद्र सिंह चौधरी जाट बिरादरी से आते हैं और पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाटों पर उनकी काफी अच्छी पकड़ है. साल 2022 विधानसभा चुनाव में भाजपा ने भूपेंद्र सिंह को दूसरी बार एमएलसी नामित किया था. इस बार भी उत्तर प्रदेश सरकार में उनको पंचायती राज मंत्री बनाकर कैबिनेट का दर्जा दिया गया.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भूपेंद्र सिंह चौधरी को 25 अगस्त 2022, गुरुवार को उत्तर प्रदेश बीजेपी (Uttar Pradesh BJP) के नए अध्यक्ष का पद सौंपा गया. ऐसे में ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि भूपेंद्र को ये जिम्मेदारी मिलने के बाद पश्चिमी यूपी की तकरीबन 7 जाट बहुल लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा मिल सकता है.