Who is Wrestler Anshu Malik: अंशु मलिक भारत की एक प्रतिभाशाली फ्रीस्टाइल महिला पहलवान हैं. उनका जन्म 5 अगस्त 2001 को हरियाणा, जिला जींद के निडानी गांव में एक किसान परिवार में हुआ था. महिला पहलवान अंशु मलिक (Anshu Malik) के पिता का नाम धर्मवीर मलिक और चाचा का नाम पवन मलिक है और वे दोनों अंतरराष्‍ट्रीय पहलवना रह चुके है. उनके चाचा पवन मलिक तो दक्षिण एशियाई खेलों के गोल्ड मैडल तक जीत चुके हैं. अंशु का एक छोटा भाई शुभम भी है और वह भी पहलवानी करता है. इस तरह इनका पूरा परिवार पहलवानी से जुड़ा हुआ है.

Anshu Malik ने बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए यौन उत्पीड़न के आरोप

कॉमन वेल्थ गेम्स की पदक विजेता पहलवान अंशु मलिक ने WFI अध्यक्ष व बीजेपी के सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि बृजभूषण सिंह शिविरों और प्रतियोगिताओं के दौरान लड़कियों को असहज कर देते थे.  अंशु ने आरोप लगाते हुए कहा, “WFI अध्यक्ष (बृजभूषण सिंह) जूनियर विश्व चैंपियनशिप में उसी फ्लोर पर रहते थे, जिसमें जूनियर लड़कियां होती थीं. वो अपना दरवाजा भी खुला छोड़ देते थे. उन्होंने हर लड़की को असहज कर दिया था. हमारी मांग है कि कुश्ती महासंघ को तुरंत हटाया जाए.”

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अंशु मलिक ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा अपने गांव से ही चौधरी भारत सिंह मेमोरियल स्पोर्ट्स स्कूल से की है. इसके बाद जब उन्होंने पूरी तरह से पहलवानी पर फोकस करना शुरू कर दिया, तो फिर वह पढ़ाई पर इतना फोकस नहीं कर पाई. हालांकि, उनकी पढ़ाई भी साथ में चल रही है. अंशु मलिक ने पहलवानी में जबरदस्त झंडे गाड़े हैं.

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पिता और चाचा दोनों अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर के पहलवान

अंशु मलिक के पहलवान बनने के सफर की शुरुआत उनके घर से ही हुई. क्योंकि अंशु के पिता और चाचा जी दोनों अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर के पहलवान रह चुके है. इसलिए अंशु के घर में शुरू से ही पहलवानी का माहौल था. जिसका अंशु को काफी लाभ मिला. आपको बता दें कि अंशु ने महज 13 साल की छोटी उम्र में ही कुश्‍ती करना शुरू कर दिया था. गौरतलब है कि बेटी की अच्‍छी ट्रेनिंग सुनिश्चित करने के लिए पिता धर्मवीर मलिक ने अपनी सुख सुविधाओं को त्यागकर सिर्फ बेटी के खेल पर ध्‍यान दिया और अंशु को चौधरी भारत सिंह मेमोरियल स्‍पोर्टस स्‍कूल निडानी में कोच जगदीश श्‍योरण के पास भेज दिया.

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आपको बता दें कि कोच जगदीश श्‍योरण के पास प्रशिक्षण के दौरान ही अंशु का करियर धीरे-धीरे आकार लेने लगा और अंशु ने पदक जितना शुरू कर दिया था. अंशु ने राज्‍य स्‍तरीय जूनियर कुश्‍ती प्रतियोगिताओं में भाग लिया और पदक भी जीते. अंशु को अंतरराष्ट्रीय पहलवानों के समक्ष खड़ा करने का श्रेय कोच रामचंद्र पवार को जाता है.