भारतीय इतिहास की पहली फिल्म जिसका प्रमोशन ना सिर्फ फिल्म से जुड़े कलाकार बल्कि जनता भी कर रही है, हां ठीक सुना आपने, जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में 90 के दशक में कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार पर बनी फिल्म लगातार सुर्खियों में है. इस फिल्म को देखने के लिए बड़ी संख्या लोगों की भीड़ उमड़ रही है. फिल्म की सफलता लगातार बढ़ती जा रही है. इस बीच कई राज्यों ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को टैक्स फ्री (Tax Free) कर दिया है. हरियाणा, गुजरात, मध्यप्रदेश के बाद अब कर्नाटक और त्रिपुरा ने इस फिल्म को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया है.
बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर (Anupam Kher) की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) 11 मार्च के दिन सिनेमाघरों में आई है, तबसे हाउसफुल चल रही है, इस फिल्म को देखने के बाद दर्शकों सिनेमाघरों से निकलते हुए अपनी आंखों में आंसू लेकर निकले हैं. अनुपम खेर अभिनीत फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ शुक्रवार को रिलीज हुई और तब से यह बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई कर रही है.
विवेक रंजन अग्निहोत्री (Vivek Ranjan Agnihotri) के निर्देशन में बनी यह फिल्म अपने दमदार कंटेंट से दर्शकों को प्रभावित करने में कामयाब रही है.
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कर्नाटक में भी टैक्स फ्री
बोम्मई ने पोस्ट में कहा, ‘The Kashmir Files’ बनाने के लिए विवेकअग्निहोत्री की भूरी भूरि प्रशंसा. यह कश्मीरी पंडितों के उनकी जमीन से पलायन की लोमहर्षक, मर्मस्पर्शी और सच्ची कथा है.’मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इस फिल्म की सहायता करने तथा लोगों को इसे देखने को प्रोत्साहित करने के लिए , हम कर्नाटक में इस फल्म को कर-मुक्त करेंगे.’
गोवा में भी टैक्स फ्री
फिल्म की सक्सेस के बीच गोवा के कार्यवाहक मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ का समर्थन किया और कहा कि इसे राज्य में जितना संभव होगा, उतने स्क्रीन्स पर दिखाया जाता रहेगा. सावंत ने रविवार शाम को ट्वीट किया कि, ‘कश्मीरी हिंदुओं के दर्द, संघर्ष, पीड़ा की कहानी सभी को समझने की जरूरत है ताकि हम सुनिश्चित करें कि ऐसा इतिहास दोहराया न जाए. मैंने आईएनओएक्स प्रबंधन से बात की है और फिल्म को जितना संभव होगा, उतने स्क्रीन्स पर दिखाया जाता रहेगा’. इसके अलावा एएनाई से बातचीत में प्रमोद सावंत ने कहा कि गोवा में फिल्म को टैक्स फ्री किया जाएगा’.
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पिक्चर का सार क्या है
इस फिल्म में साल 1990 में पाकिस्तान परस्त शस्त्र आतंकवादियों द्वारा घाटी के पंडित समुदाय को चुन कर हिंसा का शिकार बनाया था, ऐसा दिखाया गया है. कथित तौर पर हिंदुओं की हत्या हुई थी और फिल्म में यही दिखाया गया है. उस समय की केंद्र और राज्य सरकार घाटी के पंडित समुदाय और उदार मुस्लिम जनता का साथ देने में विफल रही तथा पंडित समुदाय के लाखों लोग अपने ही देश में बेघर शरणार्थी बन गए. इस फिल्म में देश के कुछ विश्वविद्यालयों में ‘आज़ादी’ के नारे लगाने वाले गुटों द्वारा प्रस्तुत की गयी कथा की सच्चाई उजागर की गई है.
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