बिहार विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार (14 मार्च) को खूब हंगामा हुआ. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायक संजय सरावगी ने लखीसराय में दो महीने पहले 9 लोगों की हत्या में कानून व्यवस्था पर सवाल पूछा था. उन्होंने मंत्री से पुलिस कार्यवाही पर जवाब मांगा. लेकिन इस मामले की उठते ही नीतीश कुमार बेहद नाराज हो गए. उन्होंने सदन में फटकार लगाई. इस बीच उन्होंने स्पीकर विजय सिन्हा को भी नहीं छोड़ा और उनसे बहस हो गई. नीतीश कुमार ने स्पीकर को कहा आप खुलेआम संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं.

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नीतीश कुमार ने कहा ऐसे सदन नहीं चलेगा रोज-रोज एक मामले उठाने का कोई मतलब नहीं है. नीतीश कुमार ने कहा-‘ इस मामले में विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी हम उस पर जरूर विचार करेंगे. किसी तरह का भ्रम है तो बातचीत की जाएगी. देखेंगे कि कौन सा पक्ष सही है. सिस्टम संविधान से चलता है. किसी भी क्राइम की रिपोर्ट कोर्ट में जाती है, सदन में नहीं. कृपा करके ज्यादा मत करिए. जो चीज पर जिसका अधिकार है, उसको करने दीजिए. हमारी सरकार न किसी को बचाती है और ना किसी को फंसाती है.’

इस पर स्पीकर विजय सिन्हा ने कहा- ‘पुलिस की तरफ से लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है. जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी, आप हमसे ज्यादा जानते हैं, मैं आपसे सीखता हूं. जिस मामले की बात हो रही है, उसके लिए तीन बार सदन में हंगामा हो चुका है. मैं विधायकों का कस्टोडियन हूं, लेकिन खुद भी जनप्रतिनिधि हूं. जब भी क्षेत्र में जाता हूं तो लोग सवाल पूछते हैं कि थाना प्रभारी और डीएसपी की बात नहीं कह पा रहे हैं. सरकार गंभीरता से इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है. आप लोगों ने ही मुझे विधानसभा अध्यक्ष बनाया है. आसन को हतोत्साहित करने की बात ना हो.’

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क्या है मामला

बता दें, लखीसराय में कई जगहों पर बीते फरवरी में सरस्वती पूजा के दौरान ऑर्केस्ट्रा का आयोजन किया गया था. इसमें बार-बालाओं का डांस हुआ था. हथियारों के प्रदर्शन के साथ नर्तकियों पर नोटों की बरसात की गई. वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आई पुलिस ने अपनी कार्रवाई में दो ऐसे लोगों को अरेस्ट किया जो सिर्फ ऑर्केस्ट्रा देखने गए थे. इलाके के विधायक होने के नाते लोगों ने विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा क्षेत्र में गए तो लोगों ने शराब के अवैध धंधे और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे. इस पर स्पीकर ने डीएसपी और थाना प्रभारी को तलब कर लिया था. फटकार लगाने पर डीएसपी और थाना प्रभारी ने उनके साथ अभद्रता की थी. स्पीकर ने मुख्य सचिव और डीजीपी को बुलाकर दोनों को सस्पेंड करने के लिए कहा था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. तब से लखीसराय की कानून व्यवस्था पर सवाल सदन में उठ रहा है.

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