द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल कर ली है. द्रौपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति (President) बन गई हैं. मुर्मू ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को बड़े वोट अंतर से हराया है. द्रौपदी मुर्मू की जीत तीसरे राउंड के वोट काउंटिंग में ही हो गई. जब उन्हें 50 प्रतिशत से अधिक वोट मिल गए थे. फाइनल काउंटिंग तक जीत का अंतर और बढ़ गया.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि द्रौपदी मुर्मू संथाल (Droupadi Murmu Santhal) परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जो एक आदिवासी जातीय समूह की कैटेगरी में आता है. संथाल समाज के लोग पूर्वी भारत के राज्य जैसे-झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, उड़ीसा और असम में रहते हैं.

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टीवी 9 भारतवर्ष न्यूज़ रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड में इस समाज की सबसे बड़ी जनजाति है. केवल भारत ही नहीं भूटान, बांग्लादेश और नेपाल में भी संथाल समुदाय के लोग अधिक संख्या में रहते हैं. धर्म के लिहाज से देखा जाए तो संथाल समुदाय के लोग क्रिश्चियन, सरना और हिन्दू हो सकते हैं.

हिन्दू धर्म को संथाल समाज से जुड़े करीब 63 प्रतिशत लोग मानते हैं. हिन्दू देवी-देवताओं की पूर्जा-अर्चना करते हैं. वहीं 31 प्रतिशत संथाल सरना धर्म का पालन करते हैं और 5 प्रतिशत ईसाई धर्म के लोग संथाल जनजाति से संबंध रखते हैं. इस समुदाय के लोग संथाली के अलावा बंगाली, हिन्दी, नेपाली और उड़िया भाषा बोलते हैं.

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इस लेख में हम आपको बताएंगे कि संथाल समुदाय के इस नाम की उत्पत्ति कैसे हुई, इस जनजाति का क्या है इतिहास और इस समुदाय के किन लोगों ने रोशन किया नाम है.

संथाल शब्द की उत्पत्ति ऐसे हुई

ऐसा कहा जाता है कि संंथाल शब्द बंगाली भाषा से लिया गया एक उपनाम है. इस शब्द का अर्थ होता है साउंट के रहने वाले लोग. अब यह क्षेत्र पश्चिम बंगाल के मिदनापुर इलाके में है. इसे संथाल समुदाय की मातृभूमि बताया गया है.

भाषाविद् पॉल सिडवेल के मुताबिक, ऑस्ट्रोएशियाटिक भाषा बोलने वाले लोग संभवतः लगभग 4000 वर्ष पहले इंडोचीन से ओडिशा के तट पर पहुंचे थे. यह दक्षिण पूर्व एशिया में फैल गए और स्थानीय भारतीय आबादी के साथ के साथ व्यापक रूप से मिश्रित हो गए.

संथालों की लोककथाओं में ऐसा दावा किया जाता है कि ये हिहिरी से आए, जिसे हजारी जिले के अहुरी के रूप में पहचाना जाता है. अहुरी से उन्हें छोटा नागपुर, फिर झालदा, पटकुम और अंत में साउंट में भेज दिया गया. ये इस प्रकार से अलग-अलग जगहों पर बस गए. इस बात का उल्लेख कई विद्वानों ने किया है कि इस जनजाति की मौजूदगी के प्रमाण हजारीबाग में मिले हैं.

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संथाल जनजाति की वो शख्सियतें जिन्होंने इतिहास में दर्ज किया नाम

1.कान्हू मुर्मू और सिद्धू मुर्मू: ये दोनों ये स्वतंत्रता सेनानी रहे और संथाल विद्रोह के मुख्य नायक भी रहे

2.पंडित रघुनाथ मुर्मू: इन्होंने ओल चिकी लिपि का आविष्कार किया

3.बाबूलाल मरांडी: झारखंड के पहले मुख्यमंत्री

4.शिबू सोरेन: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री

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5.हेमंत सोरेन: झारखंड के मुख्यमंत्री

6.द्रौपदी मुर्मू: राजनीतिज्ञ, झारखंड की प्रथम महिला राज्यपाल और अब देश की राष्ट्रपति बनी हैं।

7.गिरीश चंद्र मुर्मू: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के प्रथम लेफ्टिनेंट गवर्नर

8.उमा सरेन: 16वीं लोकसभा में सांसद

9.खागेन मुर्मू: लोकसभा सांसद

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10.बिरबाहा हांसदा: बंगाली, संथाली, हिंदी फिल्मों की अभिनेत्री और पश्चिम बंगाल सरकार में मंत्री

11.श्याम सुंदर बेसरा: साहित्य अकादमी और सिविल सेवक अवार्ड से सम्मानित लेखक

12.रथिन किस्कू: गायक