पश्चिम बंगाल का चुनावी संग्राम अभी रुक गया है, बंगाल विधानसभा में भाजपा की रणनीति धरी रह गई और तृणमूल कांग्रेस ने एक बार फिर बहुतम से सत्ता वापस पा ली है. बंगाल की जीत को लेकर खीर में नमक जैसी स्थिति बन गई है जब पता चला कि ममता बनर्जी की पार्टी तो जीत गई है लेकिन टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी विधानसभा सीट नंदीग्राम से हार गई हैं. ऐसे में अब सबके मन में सवाल है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री अब ममता दीदी बनेंगी कैसे?

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चुनाव आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, शुभेंदु अधिकारी को 109673 मतदान मिले हैं, जबकि ममता बनर्जी को 107937 मत मिले. CPI (M) की मीनाक्षी मुखर्जी को 6198 मट मिले हैं. शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी को 1736 वोट्स से हराया है.

हार के बाद कैसे बनेंगी सीएम?

मुख्यमंत्री बनने के लिए विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य होना जरूरी होता है. अगर विधानसभा या विधान सदस्य नहीं है तो शपथ लेने 6 महीने के अंदर सदस्य बनना जरूरी है. चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पद की शपथ बिना विधायक रहते ले सकते हैं. इसके बाद मुख्यमंत्री को 6 महीने का समय मिलता है कि वह इस समय सीमा के अंदर अपने विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बने. अगर ऐसा नहीं होता है तो उन्हें मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ता है.

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बता दें, ममता बनर्जी ने इस मुकाबले में अपनी हार स्वीकार की है और उन्होंने आरोप लगाया है कि पहले उन्हें जीता हुआ घोषित किया गया बाद में दबाव में आकर चुनाव आयोग ने फैसला पलटा है. बंगाल की टीएमसी की जीत के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि नंदीग्राम के बारे में चिंता मत करो, लोग जो भी जनादेश देंगे उसे मैं स्वीकार करती हूं. मुझे कोई आपत्ति नहीं है और हमने 221 से ज्यादा सीटें जीतकर बीजेपी को हरा दिया है. मगर नंदीग्राम के फैसले को लेकर मैं कोर्ट जाऊंगी.

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