हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे हाल ही में एसटीएफ के हाथ एनकाउंटर में मारा गया. विकास दुबे की मौत के बाद विकास की पत्नी ने अपने 500 करोड़ की संपत्ति होने की खबरों को फर्जी बताया और कहा कि विकास ने हमारे लिए कुछ नहीं छोड़ा, वह अपने परिवार को मझधार में छोड़ गया है.

अपराध की दुनिया से बाहर नहीं निकलना चाहता था विकास

कानपुर के बिकरू गांव में पिछली दो-तीन जुलाई की मध्यरात्रि को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य अभियुक्त रहा विकास अपने बच्चों को तो अच्छा भविष्य देना चाहता था मगर खुद अपराध की दुनिया से बाहर नहीं निकलना चाहता था.

ऋचा ने बताया कि वह अक्सर अपने पति को अपराध की दुनिया से बाहर निकलने के लिए समझाती थी, लेकिन वह अलग दिमाग का आदमी था. ‘‘वह अच्छा पति और पिता भी था. वह चाहता था कि उसके बच्चे पढ़-लिख कर काबिल बनें लेकिन वह खुद अपराध की दुनिया से बाहर नहीं निकलना चाहता था. ज्यादा समझााने पर मारपीट करता था.’’

2008 में विकास को छोड़ पत्नी आ गई लखनऊ

उन्होंने कहा कि उन्हें बिकरू गांव स्थित अपनी ससुराल का माहौल बिल्कुल पसंद नहीं था और वह अपने बच्चों को अपराध की दुनिया से दूर रखना चाहती थी, इसलिए वर्ष 2008 में लखनऊ आकर रहने लगी.

विकास की पत्नी ऋचा ने गुरुवार को एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि उसका पति अपने परिवार को बीच मझधार में छोड़ कर चला गया है. ‘आज हम लोगों को उसकी बेहद जरूरत थी. हमारे लिए वह कुछ छोड़कर नहीं गया है. लोग कहते हैं कि 500 करोड़ की संपत्ति छोड़ गया है, लेकिन सच्चाई यह है कि मेरे पास कुछ भी नहीं है.’

विदेश में संपत्ति होने की खबर फर्जी

उन्होंने एक सवाल पर कहा कि विकास की दुबई तथा अन्य देशों और देश के विभिन्न हिस्सों में अरबों रुपए की संपत्ति होने की खबरें बिल्कुल फर्जी हैं. सोचिए, जिसके पास करोड़ों की संपत्ति होगी, उसकी बीवी क्या लखनऊ में 1,600 वर्गफुट के मकान में रह रही होती?

ऋचा ने कहा अगर विकास ने पुलिसकर्मियों की हत्या करने से पहले अपने इस इरादे के बारे में उन्हें बताया होता तो वह उस वारदात को रोकने की पूरी कोशिश करती. उस वारदात में मारे गए पुलिसकर्मियों की पत्नियों से माफी मांगते हुए उन्होंने कहा कि अगर उनका वश चलता तो वह खुद को विधवा कर लेती मगर उस कृत्य को रोक देती.

मालूम हो कि कानपुर के बिकरु गांव में पिछली दो-तीन जुलाई की मध्यरात्रि को विकास दुबे के गुर्गों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में आठ पुलिसकर्मी मारे गए थे. इस मामले में विकास को पिछली नौ जुलाई को मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था. वहां से कानपुर लाते समय 10 जुलाई को रास्ते में एसटीएफ के साथ हुई कथित मुठभेड़ में वह मारा गया था. इस मामले में ऋचा से भी पूछताछ की गई थी.